काबुल. अमेरिका की केंद्रीय खुफिया एजेंसी सीआईए ने रविवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में ड्रोन हमला किया. अमेरिका ने दावा किया है कि इस ड्रोन हमले में अलकायदा के प्रमुख अयमान अल-जवाहिरी को मार गिराया गया है. इधर तालिबान ने इस ड्रोन हमले की निंदा की है. तालिबान के मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने ड्रोन हमले की निंदा करते हुए सोमवार को कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने इस सप्ताह के अंत में काबुल में एक आवास पर ड्रोन हमला किया. जबीहुल्लाह ने इसे अमेरिकी सेना की वापसी से जुड़े 2020 के समझौते का उल्लंघन बताया है. इसके साथ ही तालिबान प्रवक्ता ने इसे अंतर्राष्ट्रीय सिद्धांतों के खिलाफ बताया.
अल-जवाहिरी पर 25 मिलियन डॉलर का था इनाम
बता दें कि अल-जवाहिरी पर 25 मिलियन डॉलर का इनाम था. अल-जवाहिरी ने अमेरिका पर हुए 11 सितंबर 2001 के हमलों में मदद की थी, जिसमें लगभग 3,000 लोग मारे गए थे. साल 2011 में, अमेरिकी सेना द्वारा आतंकवादी समूह के संस्थापक ओसामा बिन लादेन को मार गिराए जाने के बाद जवाहिरी ने अल-कायदा प्रमुख का पदभार संभाला था.
मोस्ट वांटेड आतंकवादियों में से एक था जवाहिरी
रॉयटर्स के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने सोमवार को एक घोषणा करते हुए कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने अल-कायदा प्रमुख अयमान अल-जवाहिरी को मार गिराया. अल-जवाहिरी दुनिया के मोस्ट वांटेड आतंकवादियों में से एक था और 11 सितंबर, 2001 के हमलों का संदिग्ध मास्टरमाइंड था. एक टेलीविजन संबोधन में बाइडन ने कहा कि काबुल में शनिवार को हमला किया गया था. इस हमले के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि मैंने उन्हें हमला करने के लिए अंतिम मंजूरी दी थी. हमले में किसी भी नागरिक को कोई नुकसान नहीं हुआ है.
सऊदी अरब ने हमले का किया स्वागत
एसोसिएटेड प्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार सऊदी अरब ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की अल कायदा नेता अयमान अल-जवाहिरी की हत्या की घोषणा का स्वागत किया है. समाचार एजेंसी ने सोमवार को विदेश मंत्रालय के एक बयान के हवाले से यह बताया. सऊदी विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया कि जवाहिरी को आतंकवाद के नेताओं में से एक माना जाता है, जिसने संयुक्त राज्य अमेरिका और सऊदी अरब में जघन्य आतंकवादी अभियानों की योजना और इसके संचालन का नेतृत्व किया था.
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