मानसून बस्तर के साथ ही दुर्ग में आया और फिर रायपुर में, लेकिन दोनों ही शहरों तथा आसपास के इलाके में बारिश नहीं के बराबर हो रही है। यहां बादल लगभग रोजाना ही दोपहर या शाम को गहराते हैं, लेकिन या तो बरसते नहीं या फिर बूंदाबांदी ही होती है।
पिछले 24 घंटे में पूरे रायपुर जिले में केवल 4.7 मिमी बारिश हुई, यानी की बूंदाबांदी के कुछ अधिक। इसके मुकाबले सरगुजा में एक-दो जगह 9 सेमी तक पानी भरस गया। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार प्रदेश के अलग-अलग इलाकाें में 170 रेन गेज लगे हैं।
इनमें से रायपुर और दुर्ग को छोड़कर 75-80 फीसदी स्टेशनों में ठीक-ठाक बारिश दर्ज हो रही है। छत्तीसगढ़ के मैदानी इलाकों में अब तक अच्छी बारिश नहीं होने की वजह यही बताई गई है कि बंगाल की खाड़ी में तूफानी सिस्टम नहीं बन पाया है।
मैदानी इलाकों में कम बारिश को लेकर विशेषज्ञों में चिंता है। शुक्रवार की रात राजधानी समेत लगभग पूरे जिले में गहरे बादल छाए रहे, गर-चमक के साथ हल्का अंधड़ भी चला, लेकिन पानी नहीं बरसा।
केवल आउटर में बूंदाबांदी हुई। ऐसा ही शुक्रवार शाम दुर्ग-भिलाई में भी हुआ। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार प्रदेश में ऊपरी हवा के चक्रवात व अरब सागर की नमी से अभी बारिश हो रही है। लेकिन अच्छी बारिश तभी संभव है, जब बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बने। यह अभी नहीं बना है और अगले तीन-चार दिन तक इसकी संभावना भी नहीं है।
सरगुजा, बस्तर संभाग तर
सरगुजा व बस्तर संभाग में व्यापक बारिश हो रही है। पिछले 24 घंटे में ओड़गी में 9, पुसौर में 8, रायगढ़ में 7 सेमी पानी गिर गया।
वहीं करतला, मैनपुर, घरघोड़ा में 6, राजनांदगांव, भैयाथान, तमनार में 5, कटघोरा, पाली, भैरमगढ़ में 4, केशकाल, जांजगीर, बीजापुर, डाेंगरगांव, नगरी, लाेरमी, भोपालपट्टनम, पोड़ी उपरोड़ा, पथरिया, बास्तानार, अंबिकापुर, तोकापाल, डाेंगरगढ़ समेत अनेक इलाकों में 3-3 सेमी पानी गिरा। कई स्थानों पर 1 से 2 सेमी बारिश भी रिकार्ड की गई।
आज एक-दो जगह भारी वर्षा की चेतावनी
आगामी 24 घंटे में एक-दो स्थानों पर भारी बारिश के आसार मौसम विभाग ने जताए हैं। मौसम विज्ञानी बीके चिंधालोरे के अनुसार एक चक्रवात और एक द्रोणिका के असर से बारिश हो रही है। लेकिन रायपुर और दुर्ग में पानी तभी बरसने के उम्मीद है, जब खाड़ी में सिस्टम बने।
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