वॉशिंगटन: अमेरिका में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अपने 50 साल पुराने फैसले को पलटते हुए गर्भपात के संवैधानिक अधिकार (Right to Abortion) को खत्म कर दिया. ‘रो वर्सेज वेड रूलिंग’ में महिलाओं को गर्भपात का संवैधानिक अधिकार दिया गया था जिसे अब अमेरिका की सर्वोच्च अदालत ने खत्म कर दिया. कोर्ट के इस फैसले का अमेरिका में भारी विरोध हुआ. वियॉन की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी इस सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय को ऐतिहासिक गलती बताया है और कहा कि इससे देश 150 साल पीछे चला जाएगा.
अमेरिका में गर्भपात को लेकर आए इस फैसले ने अन्य देशों में भी ऑबोर्शन को लेकर नियमों की चर्चा होने लगी. खासतौर से भारत में गर्भपात कानून क्या कहता है. देश में पिछले 50 वर्षों से कुछ शर्तों के तहत गर्भपात की अनुमति है.
भारत में गर्भपात पर कानूनी प्रावधान
भारत में अगर महिला की जान बचाने के लिए गर्भपात नहीं किया गया है तो यह भारतीय दंड संहिता की धारा 312 के तहत एक अपराध है.
अमेरिका में अब सख्त सजा का प्रावाधान
रो बनाम वेड के फैसले को पलटने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अमेरिका के अर्कांसस, केंटकी, लुइसियाना, मिसौरी, ओक्लाहोमा और साउथ डकोटा में तुरंत प्रभाव से गर्भपात पर प्रतिबंध लगा दिए गए हैं. कम से कम 13 राज्यों में पहले से ही कानून हैं जो गर्भपात कराने से पूरी तरह से मना करते हैं या जल्द ही ऐसा करेंगे.
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