छत्तीसगढ़ पहुंचा दक्षिण-पश्चिम मानसून दुर्ग में ही अटका पड़ा है। वहीं घने काले बादलों ने पूरे प्रदेश में डेरा जमा लिया है। चांपा, जांजगीर और मरवाही में शनिवार को भारी बरसात दर्ज हुई। वहीं बस्तर से लेकर दुर्ग तक के इलाके करीब-करीब सूखे ही रहे। यह वह इलाका है जहां मौसम विभाग ने मानसून सक्रिय होने की घोषणा की है।
रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक शनिवार को प्रदेश के अधिकांश जिलों में हल्की से मध्यम स्तर की बरसात हुई है। सबसे अधिक 108 मिलीमीटर बरसात चांपा में दर्ज की गई। पड़ोसी कस्बे जांजगीर में भी 74.5 मिलीमीटर बरसात हुई है। वहीं मरवाही में 64 मिलीमीटर पानी बरसा है। यह तीनों भारी बरसात की श्रेणी में आए हैं। रायपुर के तिल्दा में भी 29.3 मिलीमीटर बरसात रिकॉर्ड हुई है। वहीं रायपुर शहर के कुछ हिस्सों में बुंदाबादी की खबर है। बलौदा बाजार में 40.3 मिमी, कसडोल में 23.3 और बिलाईगढ़ में 21.2 मिमी की बरसात रिकॉर्ड की गई है। धमतरी के नगरी में 32.6 मिमी, बालोद में 44.6, डोंडी लोहारा में 32.3 और गुंडरदेही में 28.6 मिमी बरसात बताई जा रही है।
कबीरधाम जिले के पंडरिया में भी 32 मिमी, बिलासपुर में 33 मिमी, मस्तुरी में 34.3 मिमी और तखतपुर में 44.4 मिलीमीटर पानी बरसा है। पेण्ड्रा, मुंगेली और लोरमी में भी 20 मिलीमीटर से अधिक बरसात हुई है। पामगढ़ में 50.3, शिवरीनारायण में 43.9, जैजैपुर में 42.9, मालखरोदा में 36 और डभरा में 32.6 मिमी बरसात रिकॉर्ड हुई है। रायगढ़ में तमनार सबसे अधिक 36 मिलीमीटर भीगा है। वहीं रायगढ़, सारंगढ़, धर्मजयगढ़, खरसिया और लैलुंगा में भी 20 मिमी अथवा उससे अधिक पानी गिरा है। मौसम विभाग का कहना है कि आधिकारिक तौर पर मानसून अभी दुर्ग तक ही पहुंचा है। प्रदेश के अन्य हिस्सों में हो रही बरसात प्री मानसून की स्थानीय बरसात है.
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