पटना. बिहार में एक सरकारी पदाधिकारी द्वारा समुदाय विशेष के खिलाफ टिप्पणी करने के बाद उनकी गिरफ्तारी का सनसनीखेज मामला सामने आया है. इस मामले में निर्वाचन विभाग में पदस्थापित उपसचिव और बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी आलोक कुमार पर आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने एफआईआर दर्ज किया था.
निर्वाचन विभाग में पदस्थापित आलोक कुमार पर आरोप है कि उन्होंने एक विवादास्पद मेसेज शुक्रवार और शनिवार को कई व्हाट्सएप ग्रुप पर साझा किया. यहां तक कि बिहार प्रसाशनिक सेवा के अधिकारियों के ग्रुप में भी यह मेसेज भेजा गया. इसके बाद यह मामला आर्थिक अपराध इकाई तक पहुंच गया. आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने इस पूरे मामले की जांच की और आरोपों को सही पाया. इसके बाद आर्थिक अपराध इकाई ने अपने ही थाने में इस मामले में तुरंत एफआईआर दर्ज कर त्वरित कार्रवाई कर दी. इस पूरे मामले में पटना पुलिस का भी सहयोग लिया गया. सचिवालय पुलिस और आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने दबिश देकर आलोक कुमार को गिरफ्तार कर लिया है. हालांकि फिलहाल उनकी तबीयत ठीक नहीं है, इसलिए उनका इलाज कराया जा रहा है.
मिली जानकारी के अनुसार, आलोक कुमार को हार्ट से संबंधित प्रॉब्लम है और उनका इलाज शहर के लोक नायक जयप्रकाश हॉस्पिटल में चल रहा है. डॉक्टर ने फिलहाल उन्हें पूरी तरह से आराम करने की नसीहत दी है. बता दें कि आलोक कुमार 41वीं बैच के पदाधिकारी हैं. उनपर मौजूदा समय में किसी भी तरह की कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं है. उनके जान पहचान वाले बताते हैं कि वह शांत और मिलनसार प्रवृत्ति के पदाधिकारी हैं. जिस मेसेज को विवादास्पद बताया जा रहा है उसे उन्होंने बासा के ग्रुप में फॉरवर्ड कर दिया था. जब कुछ लोगों ने इस पर आपत्ति जताई तो इसे करीब 20 मिनट बाद आलोक कुमार ने डिलीट कर दिया लेकिन कुछ लोगों की शिकायत के बाद आर्थिक अपराध इकाई ने इस मेसेज को रिट्राईव करते हुए उनको गिरफ्तार कर लिया.
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