नई दिल्ली. महंगाई और विकास के दो पाटों के बीच भारतीय शेयर बाजार पिसकर रह गया है. 17 जून को बीता सप्ताह निवेशकों के लिए दो साल में सबसे खराब गया है. इस दौरान सेंसेक्स और निफ्टी में 5 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दिखी है.
मनीकंट्रोल की खबर के मुताबिक, दुनियाभर में छाई महंगाई, केंद्रीय बैंकों की ओर से ब्याज दरें बढ़ाने और विदेशी निवेशकों की बंपर निकासी की वजह से भारतीय शेयर बाजार मई, 2020 के बाद सबसे खराब सप्ताह से गुजरा. 17 जून के आखिरी कारोबारी सत्र में भी सेंसेक्स 135 अंक गिरकर 51,360 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 67 अंकों के नुकसान के साथ 15,278 पर रुका. यह लगातार छठा सत्र रहा जब बाजार गिरकर बंद हुआ. इसी के साथ सेंसेक्स और निफ्टी एक साल के निचले स्तर पर पहुंच गए.
5 फीसदी टूटे सेंसेक्स और निफ्टी
इस सप्ताह के पांचों सत्र की बात करें तो सेंसेक्स और निफ्टी में 5-5 फीसदी से ज्यादा का नुकसान दिखा है. यह मई, 2020 के बाद सबसे खराब प्रदर्शन है. बीएसई पर एशियन पेंट्स, विप्रो, डॉ रेड्डीज, टाइटन, टीसीएस, टेक महिंद्रा, सन फार्मा और मारुति के शेयरों में सबसे ज्यादा नुकसान दिखा. वहीं, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में सबसे ज्यादा तेजी रही.
सबसे बड़ी गिरावट बृहस्पतिवार को
इस सप्ताह दोनों ही बेंचमार्क पर सबसे बड़ी गिरावट बृहस्पतिवार को दिखी जब सेंसेक्स 1,046 अंक या 1.99 फीसदी टूट गया और निफ्टी 332 अंक या 2.11 फीसदी नीचे आ गया. इसी दिन, विदेशी निवेशकों ने भी सप्ताह की सबसे बड़ी निकासी की थी. विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बृहस्पतिवार को भारतीय शेयर बाजार से 3,257.65 करोड़ रुपये के स्टॉक्स बेचकर पैसे निकाले.
पूरे एशिया में दिख रही गिरावट
इस सप्ताह बाजार में गिरावट सिर्फ भारतीय निवेशकों के लिए नहीं रही, बल्कि पूरे एशिया के सभी प्रमुख शेयर बाजारों में इसका असर दिखा. इस सप्ताह जापान का निक्केई 6.7 फीसदी, हांगकांग का शेयर बाजार हेंगसेंग 3.5 फीसदी, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी 6 फीसदी, ताइवान का बाजार 5 फीसदी और सिंगापुर निफ्टी 5.8 फीसदी टूटकर बंद हुआ है.
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