नई दिल्ली. आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दल एक ऐसा चेहरा तलाशने में लगे हैं, जिस पर सभी विपक्षी दल सहमत हों. एनसीपी नेता शरद पवार इसके लिए सबसे मुफीद माने जा रहे थे, लेकिन वह संयुक्त विपक्ष का उम्मीदवार बनने के इच्छुक नहीं हैं. लेकिन उन्हें मनाने की कोशिशें जारी हैं. पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के बाद लेफ्ट नेताओं ने भी पवार से मुलाकात की. संभावित उम्मीदवार पर चर्चा के लिए आज बुधवार को ममता बनर्जी के आह्वान पर विपक्ष की बैठक होगी, जिसमें तमाम दलों के नेता शामिल होंगे. इधर, पवार के इनकार के बाद विपक्ष अब दूसरे नेताओं के नामों पर भी विचार कर रहा है. कुछ नेताओं ने संभावित विकल्प के तौर पर पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी से भी संपर्क किया है.
विपक्ष इस बार बीजेपी के खिलाफ मजबूत संयुक्त प्रत्याशी मैदान में उतारने की कवायद में जुटा है. अब तक इस रेस में शरद पवार का नाम सबसे आगे चल रहा था. हाल ही में खबरें आई थीं कि कई छोटे-बड़े दलों ने उनकी उम्मीदवारी का समर्थन किया. लेकिन खुद शरद पवार ये चुनाव लड़ने के मूड में नहीं हैं. एनसीपी के कैबिनेट सदस्यों के साथ बैठक में पवार ने कथित तौर पर कह दिया था, ‘मैं दौड़ में नहीं हूं, मैं राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष का उम्मीदवार नहीं बनूंगा.’ इसके बाद टीएमसी नेता ममता बनर्जी ने मंगलवार को पवार के घर जाकर उनसे मुलाकात की और मनाने की कोशिश की. इसके बाद लेफ्ट के नेता सीताराम येचुरी और डी. राजा भी पवार से जाकर मिले.
बैठक के बाद, डी. राजा ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “उन्होंने (पवार) हमें बताया कि वह चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं. वह बुधवार को बैठक में खुलकर अपनी बात कहेंगे. हमें अन्य उम्मीदवारों की संभावनाओं का पता लगाना होगा.” पवार ने लेफ्ट नेताओं से कहा कि वो बुधवार को होने वाली बैठक में हिस्सा लेंगे क्योंकि देश में राजनीतिक स्थिति को देखते हुए धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक दलों और ताकतों की एकता महत्वपूर्ण है.
ममता बनर्जी के आह्वान पर हो रही इस बैठक में तमाम विपक्षी दलों के नेता शामिल होंगे. बताया जाता है कि पहले कांग्रेस और वाम दलों के नेता ममता की इस “एकतरफा” पहल के पक्ष में नहीं थे, लेकिन एकजुट विपक्ष के मैसेज देने के लिए वे बैठक में हिस्सा लेंगे. एक्सप्रेस ने टीएमसी सूत्रों के हवाले से बताया कि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राजद, माकपा, भाकपा, राकांपा, शिवसेना और द्रमुक की तरफ से बुधवार की बैठक में शामिल होने की पुष्टि हो चुकी है. कांग्रेस से मल्लिकार्जुन खड़गे, जयराम रमेश व रणदीप सुरजेवाला बैठक में आ सकते हैं. हालांकि आम आदमी पार्टी ने अपना रुख साफ नहीं किया है.
इधर, शरद पवार की अनिच्छा को देखते हुए विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए अन्य नामों को खंगालना शुरू कर दिया है. समाचार एजेंसी भाषा ने सूत्रों के हवाले से बताया कि कुछ नेताओं ने पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी से संपर्क किया है. गांधी 2017 में उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार थे. हालांकि वह एम. वेंकैया नायडू से चुनाव हार गए थे. सूत्रों के मुताबिक, महात्मा गांधी के पोते गोपाल कृष्ण गांधी शुरुआती प्रतिक्रिया ‘‘सकारात्मक’’ रही है, हालांकि उन्होंने बुधवार तक का समय मांगा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा और कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद का नामों पर भी विचार किया जा सकता है.
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