भारत सरकार मंगलवार को रक्षा बलों के लिए अग्निपथ भर्ती योजना का ऐलान कर सकती है। इसके तहत सैनिकों को चार साल के लिए भर्ती किया जाएगा। योजना के विवरण की घोषणा करने के लिए तीनों सेना प्रमुख एक प्रेस कांफ्रेंस करेंगे।
दो सप्ताह पहले तीनों सेना प्रमुखों ने अग्निपथ योजना के बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अवगत कराया था। इस योजना के जरिये सेनाओं में छोटी अवधि के लिए सैनिकों की भर्ती का मार्ग प्रशस्त होगा। योजना तैयार हो गई है। सैन्य मामलों का विभाग इसे लागू कर रहा है।
तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने दो हफ्ते पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सैनिकों की भर्ती के लिए “अग्निपथ योजना” के बारे में जानकारी दी थी। इस योजना को सैन्य मामलों के विभाग द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
नई अग्निपथ योजना के तहत युवा चार साल की अवधि के लिए सेना में शामिल होंगे और देश की सेवा करेंगे। यह योजना रक्षा बलों के खर्च और आयु प्रोफाइल को कम करने की दिशा में सरकार के प्रयासों का एक हिस्सा है। भर्ती के लिए जगहों का भी काफी विस्तार किया जा सकता है।
चार साल के अंत में, लगभग 80 प्रतिशत सैनिकों को ड्यूटी से मुक्त कर दिया जाएगा और उन्हें आगे के रोजगार के अवसरों के लिए सशस्त्र बलों से सहायता मिलेगी। कई निगम ऐसे प्रशिक्षित और अनुशासित युवाओं के लिए नौकरी आरक्षित करने में भी रुचि लेंगे जिन्होंने अपने देश की सेवा की है।
अग्निपथ भर्ती योजना के तहत जवानों को चार साल के लिए भर्ती किया जा सकेगा और उसके बाद ज्यादातर जवानों को सेवा से मुक्त कर दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि सेवा से मुक्त जवानों को दूसरी जगह नौकरी दिलवाने में सेना एक सक्रिय भूमिका निभाएगी।
सशस्त्र बलों का अनुमान है कि यदि योजना के तहत अच्छी खासी संख्या में सैनिकों की भर्ती हुई। तो वेतन, भत्तों और पेंशन के मद में हजारों करोड़ रुपये की बचत होगी। योजना के तहत सर्वश्रेष्ठ युवाओं को सेना में बने रहने का अवसर भी मिल सकता है।
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