रायपुर। केन्द्रीय शहरी एवं विकास मंत्रालय द्वारा स्मार्ट सिटी में शुमार रायपुर की हालत स्वच्छ रायपुर सुंदर रायपुर के मामले में बेहद खस्ता है। शहर के 70 वार्डो के अंदरूनी गलियों का हाल कचरों के अम्बार एवं बदबू मारती नालियों के चलते साफ-सफाई व्यवस्था 55 करोड़ रूपए का बजट स्मार्ट सिटी के नाम पर आंबटित होने के बावजूद भी शहर में लोगों को साफ-सफाई के दर्शन दूर-दूर तक नहीं हो रहे हैं।
शहर के अनेक प्रबुद्धों ने सिर्फ मुख्य मार्गो पर सफाई का हवाला देते हुए स्मार्ट सिटी के परियोजना निदेशक से यह जानना चाहा है कि स्मार्ट सिटी पर होने वाला व्यय किस मद पर खर्च हो रहा है। यह आम शहरियों को पता नहीं है। महापौर, आयुक्त एवं तमाम पार्षदों की उपस्थिति में कचरों का अंबार इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि स्वच्छता के नाम पर कुछ अधिकारी केन्द्रीय मंत्रालय की अच्छी परियोजना को बर्बाद करने में तुले हुए हैं। पाश कालोनियों में भी अनेक स्थानों पर कचरादान नहीं होने के कारण लोगों के समक्ष कचरा फेकने की समस्या पैदा हो गई है। शंकर नगर मार्केटिंग काम्पलेक्स में आज इसी बात को लेकर ऊपर रहने वाले निवासियों एवं जोन कर्मियों के साथ बाहर कचरा फेकने पर जुर्माना वसूले जाने की कार्यवाही करने पर व्यापारी भड़क गए और स्मार्ट सिटी के नाम पर जलमल कर दिये जाने के बावजूद भी यूजर्स चार्ज वसूले जाने की कार्यवाही का विरोध किया।
यह भी देखे –रायपुर को राजधानी के अनुरूप विकसित करना मेरा लक्ष्य, विकास कार्यों पर ही होगा अगला चुनाव-मूणत
Add Comment