राजधानी समेत छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए राहत की खबर है। आने वाले दिनों में स्टील, रोलिंग और एल्यूमीनियम की कीमत और कम होगी। तीन साल में ऐसा पहली बार होगा जब लोहा, स्टील और एल्यूमीनियम की कीमत कोरोना और लॉकडाउन के पहले वाली स्थिति में होगी। एक्सपोर्ट ड्यूटी बढ़ने की वजह से 75 हजार रुपए टन में मिल रहा सरिया 61 हजार से 65000 हजार रुपए टन तक गिर चुका है।
अभी आयरन ओर को बाहर भेजने पर बैन की वजह से कीमतें लगातार गिर रही हैं। एक से दो हफ्ते में कोयले की सप्लाई भी सामान्य हो जाएगी। इस वजह से कच्चे माल की सप्लाई भी बढ़ जाएगी। आयरन ओर और कोयले की सप्लाई डिमांड से ज्यादा होने के साथ ही स्टील और स्पंज आयरन इंडस्ट्रीज को बड़ा फायदा होगा।
इसका असर रोलिंग मिलों पर होगा। इससे सरिया की कीमत 61000 रुपए से भी कम होकर 55 हजार रुपए तक होने का पुख्ता दावा किया जा रहा है। करीब चार साल पहले सरिया 45000 से 50000 रुपए तक टन था। यही स्थिति अब इस महीने भी बनने की पूरी संभावना बढ़ गई है।
लोहा, स्टील और एल्यूमीनियम की कीमत कम होने से मकान बनाने का खर्चा 100 से 200 रुपए प्रति फीट तक कम हो जाएगा। 1000 स्केवेयर फीट का मकान बनाने में खर्चा 1.5 से 2 लाख लाख रुपए तक कम होगा। लोगों के घर बनाने की लागत कम होगी तो बिल्डरों को मकान भी सस्ते में मिलेंगे।
केंद्र सरकार का नया आदेश
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा कर बताया था कि स्टील प्रोडक्ट्स पर निर्यात शुल्क बढ़ाया जा रहा है। घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए लौह अयस्क के निर्यात पर शुल्क 50 प्रतिशत और कुछ इस्पात घटकों को 15 प्रतिशत तक बढ़ाया गया है। केंद्र सरकार का यह आदेश पिछले रविवार को ही लागू हो गया।
इसके बाद से ही सरिया की कीमतें कम होनी शुरू हो गईं। इसके अलावा केंद्र सरकार ने स्टील इंडस्ट्री द्वारा उपयोग किए जाने वाले कोकिंग कोल और फेरोनिकल सहित कुछ कच्चे माल के आयात पर सीमा शुल्क माफ कर दिया है। इससे घरेलू उद्योग की लागत कम होने लगी जिससे कीमतें घटने लगी हैं।
छत्तीसगढ़ से 3 देशों में ज्यादा निर्यात
केंद्र सरकार के नए आदेश के पहले एक्सपोर्ट ड्यूटी कम होने की वजह से छत्तीसगढ़ में स्टील सेक्टर में निर्यात दोगुने से ज्यादा बढ़ गया था। तीन साल में राज्य का निर्यात 2019 में 9067 करोड़ रुपए से बढ़कर 25241 करोड़ रुपए तक पहुंच गया।
2019-20 की तुलना में 2021-22 में आयरन और स्टील के निर्यात में साढ़े सात गुना की बढ़ोतरी हुई है। छत्तीसगढ़ से सबसे ज्यादा आयरन और स्टील बांग्लादेश, नेपाल और चाइना एक्सपोर्ट किया गया था। अब एक्सपोर्ट ड्यूटी बढ़ जाने के बाद यह निर्यात कम हो जाएगा। इसका असर लोकल कारोबार पर होगा।
लोकल कारोबार फिर से बढ़ेगा
देश के बाहर आयरन ओर और स्टील से बने प्रोडक्ट बाहर नहीं जाने से लोकल कारोबार बढ़ेगा। डिमांड के अनुसार सप्लाई होने या डिमांड कम होने पर दोनों ही परिस्थिति में लोहा और एल्यूमीनियम की कीमत कम होगी। इससे दोनों से बनने वाले प्रोडक्ट भी सस्ते हो जाएंगे। घरों में लगने वाले स्टील की कीमत भी कम हो जाएगी।
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