देहरादून : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में जीत का ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाया है. इससे पहले उत्तराखंड में चार सीएम उपचुनाव लड़े, लेकिन उपचुनाव लड़ने वाले पांचवें सीएम धामी सबसे अधिक वोटों के अंतर से जीत दर्ज कराने में कामयाब रहे हैं.
साल 2002 में सबसे पहले मुख्यमंत्री एनडी तिवारी ने रामनगर से उपचुनाव लड़ा था. उस वक्त वह 75 फीसदी वोटों के अंतर से जीत दर्ज करने में कामयाब रहे थे. तब एनडी तिवारी को 32,913 वोट मिले थे. जबकि बीजेपी प्रत्याशी को मात्र 9,693 वोट मिले थे. उनकी जीत का अंतर 23220 वोटों का था.
भुवन चंद्र खंडूरी समेत कई सीएम भी उपचुनाव जीते
2007 में तत्कालीन सीएम भुवन चंद्र खंडूरी को भी धुमाकोट से उपचुनाव लडना पड़ा था. खंडूरी की जीत का अंतर 14 हजार वोटों का था. वहीं, तीसरा उपचुनाव 2012 में हुआ. सितारगंज से उपचुनाव में उतरे सीएम विजय बहुगुणा 39954 वोटों के अंतर से जीते थे.
जीत का ये अंतर 77 फीसदी था. इसके अलावा चौथा उपचुनाव 2014 में धारचूला का हुआ था. तत्कालीन सीएम हरीश रावत 20604 वोटों के अंतर से जीते थे. जीत का ये अंतर भी 75 फीसदी था. उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याक्षी को मात्र 10610 वोट मिले थे.
पुष्कर सिंह धामी ने सभी रिकॉर्ड किए ध्वस्त
पांचवें उपचुनाव में उतरे पुष्कर सिंह धामी ने अपने पूर्व मुख्यमंत्रियों के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए. चंपावत उपचुनाव में बीजेपी कैंडिडेट वह 93 फीसदी वोटों के ऐतिहासिक अंतर से जीत दर्ज करने में कामयाब रहे.
इस दौरान पुष्कर सिंह धामी को कुल 58258 वोट मिले.वहीं, कांग्रेस प्रत्याक्षी निर्मला गहतोड़ी को मात्र 3233 वोट ही मिल पाए.
चंपावत उपचुनाव में यूं तो सीएम पुष्कर सिंह धामी की जीत पहले से ही सुनिश्चित मानी जा रही थी. बावजूद इसके बीजेपी ने चंपावत में पूरी ताकत झोंकी हुई थी.
बीजेपी की कोशिश थी कि जीत के अंतर को रिकॉर्ड लेवल तक ले जाया जाए. बीजेपी इसमें पूरी तरह से सफल भी साबित हुई. इस ऐतिहासिक जीत पर बीजेपी प्रदेश भर में जश्न मना रही है.
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