बीजापुर : जिले के नक्सल प्रभावित सीमावर्ती पुलिस थाने पामेड़ अंर्तगत ग्राम भट्टीगुड़ा निवासी महिला ज्योति मडक़म अपने पति की जली हुई हड्डियां लेकर पुलिस के पास पहुंची, उनके हाथ में तौलये में लिपटी कुछ जली हड्डियां थीं।
ज्योति मडक़म का दावा था कि ये जली हड्डियां उनके पति मडक़म आयता की है। नक्सलियों ने उनके पति मडक़म आयता की बेरहमी से हत्या कर दी है। हत्या का जुर्म दर्ज कराने जब उनका परिवार पामेड़ पुलिस थाने पहुंचा तो उनसे आयता की मौत होने के सबूत मांगे गए।
उनसे कहा गया कि सबूत के तौर पर हड्डियां ही लेते आइये। पुलिस ने जली हड्डियों को अपने कब्जे लेकर हत्या का मामला दर्ज कर मामले में जांच शुरू कर दी है। हालांकि जुर्म दर्ज कराने के लिए लिए महिला व उसके परिवार वालों को पुलिस के चक्कर लगाने पड़े।
ज्योति मडक़म के साथ ही मृतक का भतीजे, बड़ा बेटा व दुधमुहा बच्चा भी साथ था। मृतक के भतीजे ने बताया कि घटना 27 मार्च 2022 की है। 25 मार्च को नक्सलियों ने भट्टीगुड़ा से मडक़म आयता व उनके एक दोस्त पांडू का अपहरण कर ले गए और 02 दिन बाद उनकी हत्या कर दी।
इसके बाद उनके परिवार को भी गांव से भगा दिया। परिवार वाले काफी डर गए थे। इसलिए तत्काल पुलिस के पास नहीं पहुंचे। हालांकि काफी हिम्मत कर बीते सप्ताह में तेलंगाना व बीजापुर सीमावर्ती पुलिस थाने पामेड़ पहुंचे।
वहां पुलिस ने मृतक की हत्या से जुड़े सबूत मांगे, कहा कि कुछ नहीं तो उसकी जली हड्डियां ही ले आओ। किसी तरह वे गांव से जली हड्डियां लेकर तीन दिन बाद पामेड़ थाना पहुंचे। पामेड़ थाने में उनसे कहा गया कि घटना स्थल तर्रेम थाना क्षेत्र में आता है, इसलिए वे वहां जाकर जुर्म दर्ज कराएं।
इसके बाद वे तेलंगाना के चेरला के रास्ते से होते हुए वे करीब 250 किलोमीटर दूर बीजापुर जिला मुख्यालय पहुंचे। वहां पुलिस वालों की मदद से करीब 60 किलोमीटर दूरे उन्हें तर्रेम थाने ले जाया गया, जहां हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया।
परिवार की ओर से की गई शिकायत के अनुसार मृतक आयाता ने 02 शादियां की है, पहली पत्नी गंगी मडक़म से उसके दो बच्चे है। वर्ष 2005 में उसने ज्योति मडक़म से दूसरी शादी कर ली।
दूसरी शादी का तब नक्सलियों ने खूब विरोध किया, लेकिन वे नहीं माने और गांव में रहने लायक परिस्थिति नहीं बनी तो तेलंगाना के भद्राचलम जिले के राजूनगरम में जाकर बस गए।
इस दौरान वे गांव आते-जाते रहते थे। एक साल पहले मृतक आयता ने ट्रैक्टर खरीदा था। नक्सलियों को शक था कि आयता पुलिस से मिला है और उसे वहीं से पैसे मिल रहे हैं। इस बार 25 मार्च को जब वो फिर गांव आया तो नक्सलियों ने उसका अपहरण कर हत्या कर दी।
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