छत्तीसगढ़

मौसम का मिजाज… मानसून 16 साल में 13 बार लेट… अब कम झड़ी नौतपा आज से… लेकिन कम पड़ सकती है गर्मी…

छत्तीसगढ़ में मानसून आने की तारीख 10 जून है, लेकिन पिछले 16 साल में यह 13 बार लेट रहा है। पिछले साल 11 जून को यानी केवल एक दिन की देरी से मानसून ने दस्तक दी थी। विशेषज्ञों के अनुसार लगातार लेट मानसून के अलावा बड़ा बदलाव यह भी दिख रहा है कि छत्तीसगढ़ में बारिश के मौसम में लगनेवाली झड़ी के दिन काफी कम हो गए हैं।

पहली झड़ी 10 से 12 दिनों की होती थी, जो 3 से 4 दिन में सिमट गई है। बारिश का कोटा पूरा हो रहा है, लेकिन झड़ी कम लगने से अक्सर बारिश के मौसम में बीच-बीच में गर्मी पड़ने लगी है। इसके विपरीत, प्रदेश में नौतपा बुधवार, 25 मई से शुरू हो रहा है लेकिन इस दफा नौतपे में ज्यादा गर्मी पड़ने के आसार नहीं हैं।

मानसून पिछले साल 11 जून और उसके एक साल पहले यानी 2020 में 12 जून बस्तर में दाखिल हुआ था। 2013 में मानसून 9 जून को पहुंचा, जो एक दिन बिफोर है। इसके अलावा बाकी समय यह लेट रहा है। प्रदेश में 1142.1 मिमी मानसूनी बारिश का औसत है। पिछले साल 1107.7 मिमी पानी गिरा, जो सामान्य से केवल 3 फीसदी कम है। हालांकि माैसम विभाग इसे सामान्य मानता है।

122 में 56 दिन ही रैनी-डे
पिछले कुछ सालों में प्रदेश में रैनी-डे भी कम हो रहे हैं। मानसून के 122 दिनों में पिछले साल बमुश्किल 56 दिन ही 2.5 मिमी से अधिक बारिश हुई, यानी ये रैनी-डे रहे। मौसम विज्ञानियों का मानना है कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से बारिश के पैटर्न में चेंज आया है। झड़ी नहीं लग रही है, इसलिए पिछले साल जून और जुलाई में काफी बारिश के बाद भी गर्मी बनी हुई थी।

मौसम विभाग के अनुसार पिछले साल सबसे रैनी-डे वाले पांच जिलों में चार बस्तर के हैं। नारायणपुर में सबसे ज्यादा 75.5 रैनी-डे रहे। सुकमा में 65.6, कांकेर में 61, कोंडागांव में 59.6 दिन और जशपुर में 66.2 रैनी-डे रिकार्ड हुए। मध्य छत्तीसगढ़ में इसका उल्टा है। यहां बलौदाबाजार में 46.4, मुंगेली में 48.8, दुर्ग में 49.9 तथा बालोद-बेमेतरा में 51-51 रैनी-डे दर्ज किए गए।

पानी का कोटा कम नहीं
डॉ. जीके. दास, विभागाध्यक्ष, कृषि विवि मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि पानी गिरने की मात्रा कम नहीं हुई, केवल असामानता है। इसकी वजह से दलहन-तिलहन को नुकसान होने लगा है। लेकिन अन्य फसलें जैसे धान को इससे नुकसान नहीं है।

क्लाइमेट चेंज से प्रदेश में बदला बारिश का पैटर्न झड़ी की जगह 2-3 घंटे तेज वर्षा और मौसम साफ
प्रदेश ही नहीं, देश में भी बारिश का पैटर्न बदला है। क्लाइमेट चेंज की वजह से ऐसा हुआ है। लोग बताते हैं कि पहले 12 से 15 दिनों तक लगातार बारिश होती थी। अब ऐसा देखने को नहीं मिल रहा है। अब केवल 3 से 4 दिन झड़ी का ट्रेंड है। अब में धीरे-धीरे बारिश न होकर दो-तीन घंटे में तेज पानी गिरता है और मौसम खुल जाता है।
छत्तीसगढ़ में मानसूनी बारिश का मामला ऐसा है कि अगर खाड़ी में सिस्टम बनते रहेंगे तो बारिश लगातार होगी। अक्टूबर या नवंबर में हुई बारिश पोस्ट मानसूनी बारिश की श्रेणी में आएगी, इसलिए स्वाभाविक रूप से मानसूनी बारिश के दिनों की संख्या घट जाएगी। यानी बारिश की शिफ्टिंग हो गई है।

गर्मी उतनी नहीं कि लू के हालात बनें
छत्तीसगढ़ में नौतपा बुधवार 25 मई से शुरू होकर 2 जून तक चलेगा। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस साल नौतपा पिछले 10 सालों में सबसे कम गर्म रहनेवाला है। दरअसल द्रोणिका व ऊपरी हवा के चक्रवात के कारण प्रदेश में मौसम बदला हुआ है।

मौसम विभाग के उप महानिदेशक एमएल साहू के अनुसार इसी वजह से नौतपा में बादल छाने व हल्की बारिश होने की संभावना बनी रहेगी। मई के बाकी दिनों में भी तापमान उतना नहीं बढ़ेगा कि लू जैसे हालात हो जाएं। ट्रेंड के हिसाब से आखिरी सप्ताह राहत वाला हो सकता है। हालांकि बुधवार को तापमान में हल्की वृद्धि हो सकती है, लेकिन भीषण गर्मी नहीं अाएगी। मंगलवार को सरगुजा संभाग में कई जगह बारिश दर्ज की गई है।

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