जिनेवा. कोरोना महामारी (Corona Pandemic) ने पूरी दुनिया को बीते दो सालों में बड़ा नुकसान पहुंचाया. इस जानलेवा वायरस ने दुनियाभर में लाखों लोगों की जान ली और लॉकडाउन के चलते उद्योग-धंधे चौपट हुए और करोड़ों लोगों को बेरोजगारी का सामना करना पड़ा. इस महामारी से सबक लेते हुए भविष्य में आने वाली नई महामारी के खतरों से बेहतर ढंग निपटने और उन्हें दूर करने के लिए वैश्विक सुधार के प्रयास शुरू किए गए थे, लेकिन अब ये कोशिशें धीमी और लगभग खत्म सी हो गई है.
AFP के अनुसार, सालभर पहले एक स्वतंत्र विशेषज्ञ पैनल ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वार्षिक सभा में एक चिंताजनक रिपोर्ट पेश की थी जिसमें शिकायत की गई थी कि खराब समन्वय और गलत फैसलों के कारण कोविड महामारी ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई थी. उस समय न्यूजीलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री हेलेन क्लार्क और लाइबेरिया के पूर्व राष्ट्रपति एलेन जॉनसन सरलीफ की सह-अध्यक्षता में महामारी की तैयारी और उससे निपटने के लिए स्वतंत्र पैनल ने आवश्यक उपायों की एक लंबी सूची तैयार की. ताकि भविष्य में आने वाली महामारियों के खतरों का सामना बेहतर ढंग से किया जा सके.
‘महामारी से जुड़े उपायों को लेकर नहीं दिखाई गई गंभीरता’
लेकिन सालभर बाद एक असेसमेंट रिपोर्ट में यह कहा गया है कि, दुनिया अभी भी इस मुद्दे को लेकर गंभीर नहीं है और इस पर गंभीरता से कोई काम नहीं किया गया है. हेलेन क्लार्क ने कहा कि ‘अगली महामारी को रोकने के लिए वैश्विक स्तर पर जरूरी ट्रांसफॉरमेटिव काम शुरू हो गया है.’
वहीं क्लार्क ने बताया कि, हम नई महामारी से निपटने के लिए एक प्रभावी प्रणाली को विकसित करने के मामले में अभी भी वर्षों दूर हैं और वो भी ऐसे समय में जब किसी भी वक्त एक नई महामारी का खतरा पैदा हो सकता है. उन्होंने कहा, ‘अगर इस साल, अगले साल या उसके बाद एक नई महामारी का खतरा सामने आता है, तो हम काफी हद तक उसी स्थिति में होंगे जैसे दिसंबर 2019 में थे. वहीं, कोविड-19 महामारी अभी भी जारी है.’
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