नगर पंचायत बोड़ला के दो राशन दुकानों में संचालकों ने 216 क्विंटल राशन का घोटाला कर दिया है। राशन कार्ड में प्रति सदस्य 5 किलो अतिरिक्त चावल बांटना था। लेकिन सेल्समैन ने नहीं दिया। शिकायत पर मंगलवार को खाद्य निरीक्षकों की टीम जांच के लिए पहुंची। जांच में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी मिली है।
नगर के दोनों दुकानों में 1623 राशन कार्डधारी परिवार हैं। कार्डों में सदस्य संख्या 5336 है। इस महीने कार्ड में प्रति सदस्य के हिसाब से 5 किलो अतिरिक्त चावल वितरण किया जाना था। लेकिन संबंधित दुकानों के सेल्समैन ने ऐसा नहीं किया। प्रति कार्ड औसतन 15 किलो राशन दबा दिया।
दोनों दुकानों में 21600 किलो (216 क्विंटल) चावल में डंडी मारी गई है। खाद्य निरीक्षकाें की टीम ने हितग्राहियों के राशन कार्ड और स्टॉक पंजी का मिलान किया, तो बड़ी गड़बड़ी का खुलासा हुआ। जांच में पाया कि उचित मूल्य दुकान संचालकों ने अप्रैल माह में आवंटित राशन को मई माह में वितरण किया जाना था। जिसे जान-बूझकर निजी फायदे के लिए नहीं बांटा गया।
एसडीएम दफ्तर पहुंची महिलाएं, एफआईआर की मांग
नगर में जय मां काली महिला स्व सहायता समूह द्वारा संचालित उचित मूल्य की दुकान में गरीबों की राशन में हेराफेरी को लेकर हितग्राहियों ने मोर्चा खोल दिया है। मंगलवार को नगर के विभिन्न वार्डों की महिलाएं अपने-अपने राशन कार्ड लेकर एसडीएम दफ्तर पहुंच गईं। एसडीएम पीसी कोरी से पीडीएस चावल वितरण में गड़बड़ी को लेकर आवेदन दिया। महिला समूह का रजिस्ट्रेशन रद्द करने और समूहाें के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कड़ी कार्रवाई करने मांग की है।
स्वीकृत सात पदों के उलट 2 निरीक्षक ही काम कर रहे
कबीरधाम जिले में 498 उचित मूल्य दुकानें संचालित हैं। इन दुकानों में 2,56889 कार्डधारी परिवार हैं, जिन्हें रियायत दर पर राशन वितरण करना है। एक को छोड़ सभी दुकानें कंप्यूटरीकृत हैं। दुकानों की मॉनिटरिंग के लिए जिले में खाद्य निरीक्षक के 7 पद स्वीकृत हैं। विपरीत इसके 2 ही खाद्य निरीक्षक पूरा जिला संभाल रहे हैं। इनमें ग्रामीण के अलावा शहरी दुकानें भी शामिल हैं। पर्याप्त निरीक्षक नहीं होने से सही तरीके से मॉनिटरिंग नहीं हो पा रही है।
1623 परिवारों से धोखाधड़ी : हेराफेरी की थी तैयारी
खाद्य एवं पोषण सुरक्षा अधिनियम 2012 छग सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2016 के अंतर्गत नपं बोड़ला में 1623 परिवारों के राशन कार्ड बने हैं। इनमें अंत्योदय कार्ड 271, निराश्रित कार्ड 2, प्राथमिकता कार्ड 1050, नि:शक्त 1, एपीएल कार्ड 299 शामिल है। इनमें सदस्यों की संख्या 5336 है। यानी इतने परिवारों के राशन में डंडी मारी गई।
जांच में हितग्राहियों ने दुकान संचालकों पर लगाए आरोप
चावल घोटाला मामले को लेकर जांच में पहुंचे अधिकारियों के सामने 150 से अधिक हितग्राहियों ने दुकान संचालकों पर कई आरोप लगाए। आरोप है कि 17 रुपए किलो की शक्कर को 20 रुपए में बेची जा रही है। दुकान संचालकों द्वारा हितग्राहियों से अभद्र व्यवहार किया जाता है। आवंटन की सूची राशन दुकानों में चस्पा नहीं की जाती। जानकारी नहीं दी जाती।
खाद्य निरीक्षक अमित बोले- गड़बड़ी तो हुई है
बोड़ला के खाद्य निरीक्षक अमित द्विवेदी का कहना है कि हितग्राहियों की शिकायत को आधार पर राशन कार्ड से स्टॉक पंजी का मिलान किया गया। माह अप्रैल में मां काली समूह को 105 क्विंटल और शासकीय उचित मूल्य दुकान में 111 क्विंटल चावल का अतिरिक्त आवंटन दिया था।
इसे माह मई में हितग्राहियों को बांटा जाना था। लेकिन संचालकों ने जान-बूझकर वितरण नहीं किया है। यह स्टॉक पंजी को देखने से स्पष्ट हो रहा है। अंतरिम जांच प्रतिवेदन एसडीएम को सौंप दी गई है। इसके आगे की कार्रवाई की जाएगी।
राशन में घपलेबाजी बर्दाश्त नहीं: एसडीएम
एसडीएम पीसी कोरी ने कहा कि गरीबों के राशन में घोपलेबाजी बर्दास्त नहीं की जाएगी। उन्होंने सख्त लहजे में खाद्य निरीक्षकों को निर्देश देते हुए कहा कि राशन घोटाला अपराध की श्रेणी में आता है। दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि समूह की महिलाओं ने गलत किया है, इसलिए इतनी संख्या में लोग शिकायत करने आए हैं।
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