छत्तीसगढ़ के बाजारों में टमाटर 20 से 50 रुपए प्रति किलो तक बिक रहा है। गर्मी के दिनों में कम उत्पादन और डिमांड ज्यादा होने के कारण टमाटर की कीमतों में उछाल है। किसानों और व्यापारियों कहना है कि महाराष्ट्र और बेंगलुरू से टमाटर की सप्लाई हो रही है, लेकिन जितनी डिमांड है उसकी तुलना में कम सप्लाई होने के कारण दाम बढ़ रहे हैं।
धमधा के किसान जालम सिंह पटेल ने बताया कि पूरे इलाके में टमाटर का उत्पादन ठंड के दिनों में बहुतायत में होता है। फरवरी-मार्च में उसके पौधे उखाड़ देते हैं। अब वे ठंड के सीजन में लगाए जाने वाले फसल की तैयारी में लगे हैं।
उन्होंने बताया कि गर्मी के दिनों में छत्तीसगढ़ का तापमान अधिक होने के कारण इस मौसम में यहां टमाटर का उत्पादन नहीं हो पाता। इससे प्रदेश का पूरा बाजार दूसरे प्रदेशों से आने वाले टमाटर पर निर्भर है। जानकारी के अनुसार ठंड के दिनों में छत्तीसगढ़ से 80 फीसदी टमाटर बाहर के प्रदेशों में भेजा जा रहा है। इस मौसम में प्रदेश में लगभग 62 हजार हेक्टेयर में टमाटर लगाया गया था, जिसका सालाना उत्पादन लगभग 11 लाख टन है।
इस बार 50 हजार से एक लाख टन तक ज्यादा उत्पादन हो सकता है। किसानों के मुताबिक अक्टूबर-नवंबर में प्रदेश के सब्जी बाजार जिस बेंगलुरू के टमाटर का ही सहारा होता था, वहां भी इस साल छत्तीसगढ़ से टमाटर जा रहा है। सर्वाधिक सप्लाई दक्षिण भारत के राज्यों में है। टमाटर उत्तरप्रदेश भी जा रहा है, हालांकि वहां डिमांड कम है।
अकेले रायपुर में एक ट्रक टमाटर रोज की जरूरत
बताया गया है कि छत्तीसगढ़ में रोजाना लगभग 30 से 40 ट्रक टमाटर दूसरे प्रदेशों से आ रहे हैं। एक ट्रक में 15 से 20 टन टमाटर होता है। अकेले रायपुर शहर में एक ट्रक जितना टमाटर रोज खप जाता है। साथ ही दूसरे प्रदेशों से रायपुर आने वाले टमाटर की सप्लाई यहां से ओड़िशा और दूसरे राज्यों में की जाती है।
किसानों ने बताया- गर्मी से झड़ जाते हैं टमाटर के फूल, ऐसे में नुकसान
महासमुंद जिले में सब्जी की खेती करने वाले देवेन्द्र चंद्राकर ने बताया कि वे सब्जी लगाते हैं लेकिन टमाटर की फसल नहीं लेते। क्यांेकि गर्मी के दिनों में तापमान 40 डिग्री के उपर रहता है और टमाटर के पौधे में आने वाले फूल 35 डिग्री के उपर जाते ही झड़ जाते हैं और फल नहीं आते। नुकसान के डर से गर्मी के दिनों में प्रदेश के कुछ हिस्सों को छोड़कर अधिकांश हिस्सों में टमाटर की खेती नहीं करते।
30-32 रुपए में बिक्री, कम आवक
थोक सब्जी विक्रेता संघ के अध्यक्ष टी श्रीनिवास रेड्डी ने बताया कि थोक मंडी से ही अभी 30 से 32 रुपए किलो में टमाटर की बिक्री हो रही है। यानी 800 से एक हजार रुपए तक एक कैरेट टमाटर बिक रहा है। चिल्हर बाजार में उसे 40 से 60 रुपए तक बेचा जा रहा है। टमाटर की आवक कम होने के कारण यह स्थिति बन रही है।
15 से 20 दिन बाद राहत की उम्मीद
छत्तीसगढ़ में महाराष्ट्र और बेंगलुरु से टमाटर की सप्लाई होती है। इनमें से अभी महाराष्ट्र से टमाटर की सप्लाई हो रही है। बैंगलुरु में टमाटर की कीमत अभी थोक में ही काफी महंगा है इसलिए वहां से बहुत कम सप्लाई आ रही है। लेकिन 15 से 20 दिन बाद दोनों राज्यों से सप्लाई तेज होने के बाद ही लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है।
Add Comment