बंगाल की खाड़ी में ताकतवर हो रहे तूफान असानी के 10 मई को ओड़िशा तट से टकराने से एक दिन पहले यानी 9 मई से छत्तीसगढ़ में घने बादल आने लगेंगे और कई जगह अंधड़ भी चल सकते हैं। इसका असर 11 मई तक रहेगा तथा गरज-चमक के साथ प्रदेश में कई जगह बारिश हो सकती है।
हालांकि अब भी दो अलग-अलग सिस्टम के असर के कारण सप्ताहभर से भीषण गर्मी से राहत है। शनिवार को आसमान साफ रहने के बावजूद प्रदेश में कहीं भी लू के हालात नहीं बने। असानी साइक्लोन के ओडिशा या आंध्र तट से टकराने से पहले बस्तर और लगे हुए रायपुर संभाग पर घने बादल आने के आसार हैं।
हालांकि मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि तूफान ओड़िशा तट से टकराने के बाद टर्न हो सकता है, इसलिए छत्तीसगढ़ में इसके तीव्र असर की आशंका कम हो रही है। फिर भी, इसके कारण 9 से 11 मई यानी 3 दिन प्रदेश में अधिकांश जगह अंधड़ और गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है।
दोपहर का तापमान गिरा
राजधानी समेत प्रदेश में कई जगह शनिवार को भी बादल रहे। रायपुर में शनिवार को अधिकतम तापमान 40.6 डिग्री दर्ज किया गया। यह शुक्रवार की तुलना में 0.9 डिग्री तथा सामान्य से 1 डिग्री कम है। महासमुंद 42.7 डिग्री के साथ सबसे ज्यादा गर्म रहा। न्यूनतम तापमान भी 2 डिग्री तक कम हुआ।
असानी इस साल का पहला तूफान
असानी छत्तीसगढ़ पर असर डालनेवाला इस साल यानी 2022 का पहला तूफान है। इसके पहले गुलाब, यास और जवाद तूफान आए थे, लेकिन सभी पिछले साल के हैं। असानी नाम श्रीलंका ने दिया है। मौसम विभाग ने अब तक 169 तूफानों का नाम जारी कर चुका है। वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट के पैनल ने ये नाम अप्रैल 2019 में स्वीकृति दी थी।
खाड़ी से 300 किमी दूर, इसलिए असर
छत्तीसगढ़ ओडिशा तट से 300 किमी और आंध्र तट करीब 400 किमी दूर है। इसीलिए बंगाल की खाड़ी के तूफान इन राज्यों के तट से टकराते हैं तो छत्तीसगढ़, खासकर बस्तर संभाग में भारी असर पड़ता है। माैसम विज्ञानियों के अनुसार तूफान के तट से टकराते समय हवा की रफ्तार 15 किमी तक रहती है, इसलिए ओडिशा, आंध्र को ज्यादा नुकसान होता है।
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