उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में रहने वाले लोगों को मई में भी गर्मी से निजात नहीं मिलने वाली है। मौसम विभाग ने शनिवार को कहा कि मई में भी गर्मी का सितम जारी रहेगा। मौसम के आंकड़े दर्ज करने के 122 साल के इतिहास में अप्रैल सबसे गर्म महीना रहा है। देश के कई हिस्सों में तापमान 46 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है। मौसम विभाग के मुताबिक बांदा में शनिवार को तापमान 47.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जोकि देश में सर्वाधिक रहा।
यूपी में पारा 47 डिग्री सेल्सियस के पार
उत्तर प्रदेश में छिटपुट स्थानों पर लू की स्थिति बनी रही। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक बांदा जिले में लगातार दूसरे दिन भीषण गर्मी रही और शनिवार को पारा 47 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया। मौसम विभाग ने पूरे उत्तर प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर लू की स्थिति के लिए चेतावनी जारी की है। शुक्रवार को बांदा में अधिकतम तापमान 47.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। प्रयागराज में अधिकतम तापमान 46.1 डिग्री, इसके बाद झांसी में 45.2 डिग्री, कानपुर में 45.1 और आगरा 44.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
हरियाणा में गुरुग्राम सबसे गर्म
हरियाणा में शनिवार को भी लू की स्थिति बनी रही। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक गुरुग्राम में पारा 46.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हरियाणा में गुरुग्राम सबसे गर्म स्थान रहा। मौसम विभाग के मुताबिक नारनौल में 45.2 डिग्री, हिसार में 45.4 डिग्री और भिवानी में अधिकतम तापमान 44.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अंबाला, रोहतक, करनाल और सिरसा में क्रमश: 42, 44.3, 42.8 और 44.4 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।
मई में भी कम नहीं होगा तापमान
मई के लिए तापमान और बारिश से जुड़े पूर्वानुमान जारी करते हुए भारत मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, पजांब और हरियाणा जैसे उत्तर भारत के राज्यों को मई में भी सामान्य से अधिक तापमान का सामना करना होगा।
अप्रैल पिछले 122 वर्षों में सबसे अधिक गर्म
मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत के कुछ क्षेत्रों को छोड़कर देश के अधिकतर हिस्सों में मई के महीने में रात में भी गर्मी महसूस होगी। उन्होंने कहा कि उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में इस साल अप्रैल पिछले 122 वर्षों में सबसे अधिक गर्म रहा, जहां औसत अधिकतम तापमान क्रमश: 35.9 डिग्री सेल्सियस और 37.78 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा।
क्या कहते हैं आंकड़े
इससे पहले उत्तर-पश्चिम भारत में अप्रैल 2010 में औसत अधिकतम तापमान 35.4 डिग्री सेल्सियस, जबकि मध्य भारत में अप्रैल 1973 के दौरान औसत अधिकतम तापमान 37.75 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। उन्होंने कहा कि अप्रैल के दौरान देशभर में औसत तापमान 35.05 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो वर्ष 1900 के बाद से चौथी बार सबसे अधिक रहा है। बता दें कि 1900 से ही मौसम कार्यालय ने मौसम का डाटा रखना शुरू किया था।
50 डिग्री सेल्सियस को भी पार कर सकता है पारा
इस सवाल पर कि क्या पारा 50 डिग्री सेल्सियस को भी पार कर सकता है, महापात्रा ने कहा कि वे इस तरह का पूर्वानुमान नहीं जता सकते हैं। हो सकता है कि ऐसा संभव हो, क्योंकि मई सबसे गर्म महीना है।
मई में औसत बारिश सामान्य से अधिक रहने की उम्मी
महापात्रा ने कहा कि देश में इस साल मई के दौरान औसत बारिश सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। साथ ही कहा कि मई में उत्तर-पश्चिम और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों के साथ-साथ दक्षिण-पूर्वी प्रायद्वीप में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है।
Add Comment