3 साल की बेटी को पिता देता था दूध की बोतल में शराब…कमरे में बंद कर घंटों चला जाता था बाहर…
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में एक पिता अपनी तीन साल की मासूम बच्ची को दूघ की बोतल में शराब भरकर देता था। इतना ही नहीं कमरे में उसे घंटों बंद कर खुद बाहर चला जाता था। खाने को भी कुछ नहीं देता था। बच्ची मल-मूत्र में पड़ी रहती थी।
पिता की इस हरक की वजह से बच्ची बहुत ही दुर्बल और बीमार हो गई थी। उसके पूरे शरीर पर संक्रमण फैल गए थे। दिल्ली महिला आयोग की 181 महिला हेल्पलाइन पर इसकी शिकायत मिली। इसके बाद तुरंत आयोग की एक टीम दिए गए पते पर पहुंची।
वहीं 3 साल की बच्ची मल-मूत्र में पड़ी हुई थी। वह बहुत ही दुर्बल थी और बहुत बीमार लग रही थी। उसके पूरे शरीर पर संक्रमण के निशान थे। आयोग की टीम ने पाया कि बच्ची का पिता उसी कमरे में सो रहा था। कमरे में कई सारी खाली शराब की बोतलें पड़ी हुई थीं।
पड़ोसियों ने बताया कि वह आदमी शराबी था और वह घंटों तक ऐसे ही सोता रहता था जबकि बच्ची भूख और गंदगी के कारण रोती रहती थी। पड़ोसियों ने आयोग की टीम को बताया कि बच्ची की मां एक साल पहले ही मर गई थी और उसका पिता जो रिक्शा चलाता है, ज्यादातर समय शराब के नशे में रहता है इसलिए वह बच्ची की देखभाल नहीं कर सकता।
वह जब काम पर बाहर जाता था तो बच्ची को कमरे में अकेला छोड़ जाता था और पड़ोसियों को भी उसकी मदद नहीं करने देता। उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने उस आदमी को बच्ची को दूध की बोतल में शराब देते हुए भी देखा है। कोई यह नहीं जानता था कि वह बच्ची को किस समय और कैसे खाना खिलाता था।
जब आयोग की टीम ने बच्ची के पिता को जबरदस्ती जगाया तो वह हिंसक हो गया और बच्ची को अस्पताल ले जाने में सहयोग देने से मना कर दिया। आयोग की टीम ने तब पुलिस को बुलाया और बच्ची और उसके पिता को एसएचओ प्रेम नगर के समक्ष पेश किया।

हालांकि इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। आयोग की टीम ने बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया, वहां डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची के गुप्तांगों में गंदे डाइपर और कम साफ-सफाई की वजह से बहुत संक्रमण हो गया है।
उसे तेज बुखार था और उसके शरीर पर चोट के निशान थे। बच्ची का अस्पताल में इलाज चल रहा है और उसकी हर समय देखभाल के लिए आयोग की काउंसलर तैनात है। उसको अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद शेल्टर होम में ले जाया जाएगा।
यह भी देखें :





