महासमुंद: महासमुंद में स्वास्थ्य विभाग के एनएचएम पद पर 4 बार चयनित होने के बाद भी पदस्थापना नहीं मिलने से क्षुब्ध युवक ने आत्महत्या के लिए पत्र कलेक्टर कार्यालय में दिया है। अभ्यार्थी ने भर्ती के बाद भी नियुक्ति नहीं देने का आरोप कांग्रेस विधायक विनोद चंद्राकार और कलेक्टर निलेश क्षीरसागर पर लगाया है। जिस वजह से वह क्षुब्ध है और आत्महत्या करना चाहता है।
आत्महत्या करने का ज्ञापन सौंपने वाला अभ्यर्थी बसना ब्लॉक का है, जिसका नाम बृजेश पति उम्र 26 वर्ष है। उन्होंने कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में बताया कि, स्वास्थ्य विभाग एनएचएम के पद पर साल 2018 से उनका यह चौथी बार चयन हुआ है। लेकिन अब तक उन्हें नियुक्ति नहीं मिल पाई है। जिससे वे मानसिक रूप से परेशान है। अब आत्महत्या करना चाहते हैं। ज्ञापन कलेक्टर के आवक जावक शाखा में उन्होंने ज्ञापन सौंपा है।
आपको बता दें कि जिले में एनएचएम के तहत स्वास्थ्य विभाग में 75 अभ्यर्थियों का चयन किया गया था। लेकिन उन्हें अब तक नियुक्ति का आदेश नहीं मिल पाया है। जिसे लेकर विगत माह कलेक्टर का घेराव और आंदोलन किया गया था। लेकिन प्रशासन की ओर से केवल आश्वासन मिला जिसे लेकर अभ्यर्थियों में प्रशासन के खिलाफ खूब नाराजगी व्यक्त की और अभ्यर्थियों ने आंदोलन भी किया, लेकिन नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई। आश्वासन के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होने पर अभ्यर्थी कलेक्ट्रेट पहुंचे और अपनी आवाज बुलंद की।
बृजेश द्वारा सौपे गए खुदकुशी पत्र में उन्होंने महासमुंद विधायक, उनके पीए और कलेक्टर व अपर कलेक्टर को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। इधर मामले में कलेक्टर का कहना है कि, चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी होने के कारण जांच के बाद भर्ती प्रक्रिया निरस्त कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि, अभ्यर्थियों के पास कोर्ट का रास्ता है वह जा सकते हैं, लेकिन यदि कोई खुदकुशी की धमकी भरा पत्र दे रहा तो उस पर FIR कर कार्रवाई की जाएगी। वहीं महासमुंद के पूर्व विधायक डॉ विमल चोपड़ा ने मामले में शासन प्रशासन को घेरा और अभ्यर्थी को समझाने के साथ उनके साथ मिलकर लड़ाई लड़ने की बात कही।
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