हिंदी और अंग्रेजी का फर्क राजधानी के आत्मानंद स्कूलों की प्रवेश प्रक्रिया से आसानी से समझा जा सकता है। सरकारी आत्मानंद स्कूल हिंदी और अंग्रेजी, दोनों माध्यम में हैं। अंग्रेजी माध्यम वाले स्कूलों में प्रवेश की ऐसी होड़ है कि हफ्तेभर पहले इसकी हर क्लास की सीटें 40 से बढ़ाकर 50 करनी पड़ी हैं। फिर भी एक-एक सीट के लिए घमासान है और सीटों की संख्या से कई गुना आवेदन मिल गए हैं।
इसके मुकाबले हिंदी मीडियम वाले आत्मानंद स्कूल छात्रों को तरस गए हैं। भास्कर ने राजधानी में ही स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी और हिंदी मीडियम स्कूलों में दाखिले की पड़ताल की है। अंग्रेजी स्कूलों में क्लास-वन की सीटें बढ़ाकर 50 करने के बाद भी आवेदनों की संख्या कई गुना है। जैसे-आरडी तिवारी इंग्लिश स्कूल में 2640, बीपी पुजारी में 1051, शहीद स्मारक इंग्लिश स्कूल में 1779 फार्म मिल चुके हैं। दूसरी ओर, स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना में इस बार हिंदी मीडियम के चार स्कूलों को भी शामिल किया गया है।
इन स्कूलों में सीटें निर्धारित नहीं हैं, यानी प्रवेश के लिए भरपूर सीटें हैं। फिर भी इन स्कूलों में दर्जनभर भी आवेदन नहीं मिले हैं। भले ही हिंदी मीडियम के टॉप स्कूलों को उत्कृष्ट योजना में शामिल कर लिया गया, लेकिन इसमें लोग अपने बच्चों को नहीं भेजना चाह रहे।
आत्मानंद योजना में 13 स्कूल
राजधानी में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना के 13 स्कूल हैं। इसमें से 9 इंग्लिश मीडियम और 4 हिंदी मीडियम के हैं। इंग्लिश मीडियम में आरडी तिवारी, बीपी पुजारी, शहीद स्मारक फाफाडीह, भाठागांव इंग्लिश स्कूल, माना कैंप इंग्लिश स्कूल के अलावा कूंरा, अभनपुर, आरंग और नेवरा के एक-एक सरकारी इंग्लिश स्कूल हैं। हिंदी मीडियम में प्रो जेएन पांडेय मल्टीपर्पस गवर्नमेंट स्कूल, माधवराव सप्रे स्कूल, जेआर दानी गर्ल्स स्कूल व मायाराम सुरजन गवर्नमेंट स्कूल हैं।
रायपुर में दो साल के अंग्रेजी स्कूल
राजधानी में दो साल पहले सरकारी स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल शुरू किए गए थे। शुरुआत से ही यहां प्रवेश को लेकर मारामारी रही। इस बार इंग्लिश स्कूलों में जब आवेदन मंगाए गए, तो दो दिनों में ही सीटों की तुलना में कई गुना आवेदन आ गए। दूसरी ओर, हिंदी मीडियम के उत्कृष्ट स्कूलों जैसे प्रो जेएन पांडेय मल्टीपरपस गवर्नमेंट स्कूल, जेआर दानी गर्ल्स स्कूल व मायाराम सुरजन गवर्नमेंट स्कूल एवं माधवराव सप्रे स्कूल में प्रवेश को लेकर पहले जैसी स्थिति है।
इन स्कूलों में दाखिले के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है लेकिन एंट्री क्लास के लिए ही आवेदनों की संख्या सीटों की तुलना में एक-चौथाई नहीं है। माना जा रहा है कि दाखिला पूर्ण होने के बाद भी इनकी कक्षाएं खाली रहेंगी।
सुविधाएं एक जैसी, फर्क भाषा का
स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना के तहत संचालित स्कूलों में सिर्फ मीडियम का अंतर है। जैसे एक स्कूल इंग्लिश और एक हिंदी मीडियम के स्कूल हैं। इसके अलावा तमाम सुविधाएं एक जैसी होगी। जैसे, जिस तरह के लैब इंग्लिश स्कूल में हैं वैसा ही उत्कृष्ट हिंदी स्कूलों में होगा। स्मार्ट क्लास रूम, लाइब्रेरी समेत अन्य सुविधाएं भी एक जैसी होगी। सब कुछ एक जैसा होने के बाद भी मीडियम के अंतर की वजह से दाखिले के लिए आवेदन कम मिले हैं।
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