केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने सत्र 2022-23 के लिए 10वीं, 12वीं की बोर्ड परीक्षा के लिए संशोधित सिलेबस जारी कर दिया है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक सीबीएसई कक्षा 11 और 12 के राजनीति विज्ञान के पाठ्यक्रम से गुटनिरपेक्ष आंदोलन, शीत युद्ध के युग, अफ्रीकी-एशियाई क्षेत्रों में इस्लामी साम्राज्यों के उदय, मुगल दरबारों का इतिहास और औद्योगिक क्रांति के अध्याय हटा दिए गए हैं.
फैज अहम फैद की कविताओं के अंश हटाए
पीटीआई के मुताबिक सीबीएसई ने 10वीं कक्षा के सामाजिक विज्ञान के पाठ्यक्रम से खाद्य सुरक्षा पर एक अध्याय से कृषि पर वैश्वीकरण के प्रभाव विषय को हटा दिया है. इसके अलावा शायर फैज अहमद फैज की दो उर्दू कविताओं के अनुवादों के अंश भी ‘धर्म, सांप्रदायिकता और राजनीति – सांप्रदायिकता, धर्मनिरपेक्ष राज्य’ खंड से हटा दिए गए हैं. ‘लोकतंत्र और विविधता’ के चेप्टर भी पाठ्यक्रम से हटा दिए गए हैं.
‘NCERT की सिफारिशों पर हुए बदलाव’
पीटीआई के अनुसार CBSE के एक वरिष्ठ अधिकारी से जब इन विषयों को पाठ्यक्रम से हटाए जाने पर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम को रिवाइस करना एक प्रक्रिया का हिस्सा है, जिसे एनसीईआरटी की सिफारिशों के अनुरूप किया गया है. अधिकारी ने कहा, “स्टेक होल्डर्स की प्रतिक्रिया और अन्य मौजूदा स्थितियों को ध्यान में रखते हुए बोर्ड शैक्षणिक सत्र 2022-23 के अंत में सालाना असेसमेंट करने के पक्ष में है. यह पाठ्यक्रम उसी के अनुसार डिजाइन किया गया है.
मुगलों के इतिहास से जुड़ कई चेप्टर हटाए
CBSE कक्षा 11 के इतिहास के पाठ्यक्रम में अब ‘सेंट्रल इस्लामिक लैंड्स’ अध्याय शामिल नहीं है. पिछले साल के पाठ्यक्रम के विवरण के अनुसार, इस अध्याय में अफ्रीकी-एशियाई क्षेत्रों में इस्लामी साम्राज्यों के उदय, उनकी अर्थव्यवस्था और समाज के बारे में बताया गया था. इसके अलावा इसमें इस्लाम के उदाय और साम्राज्य निर्माण जैसे बिंदुओं की भी जानकारी दी गई थी.
वहीं सीबीएसई कक्षा 12 के इतिहास के पाठ्यक्रम ने ‘द मुगल कोर्ट: रीकंस्ट्रक्टिंग हिस्ट्रीज थ्रू क्रॉनिकल्स’ अध्याय को भी हटा दिया. इसमें मुगलों के सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक पुनर्निर्माण के बारे में बताया गया था.
पहले भी विषयों को हटाने पर हुआ था विवाद
2020 में उस समय बड़ा विवाद हो गया था जब सीबीएसई ने कहा था कि 11वीं कक्षा की राजनीति विज्ञान की किताब में शामिल डिमोनेटाइजेशन, संघवाद, नागरिकता, राष्ट्रवाद और धर्मनिरपेक्षता के अध्यायों असेसमेंट में शामिल नहीं किया जाएगा हालांकि अगर स्कूल चाहें तो वे इन अध्यायों को पढ़ा सकते हैं. बाद में 2021-22 के शैक्षणिक सत्र में हटाए गए इन विषयों को फिर से शामिल कर लिया गया था.
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