
रायपुर शहर में छत्तीसगढ़ विद्युत संविदा कर्मचारी संघ के लोग पिछले करीब 1 महीने से धरना दे रहे हैं। शुक्रवार को इनके विरोध प्रदर्शन में कुछ बाहरी लोग घुस आए। संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि ये लोग पुलिस से झूमाझटकी कर सकते थे। कोई हिंसक घटना को अंजाम दे सकते थे।
इस मामले में भाजपा नेता गौरी शंकर श्रीवास ने कहा-बिजली संविदा कर्मचारियों के 42 दिन से चल रहे आंदोलन को कुचलने अब भाड़े के लोगों को बाकायदा आईडी कॉर्ड पहनाकर, बड़ी वारदात करने भेजा जा रहा है जिसे रंगेहाथ पकड़ा गया।
संघ से जुड़े अभिषेक वर्मा ने बताया कि हमें लगातार खबर मिल रही थी कि कुछ बाहरी लोग हमारे बीच आकर हंगामा करने की ताक में थे। इन लोगों ने कहीं से हमारा आईडी कार्ड में जुगाड़कर ले लिया। ये हमारे प्रदर्शनकारियों के करीब आकर किसी घटना को अंजाम देने की ताक में थे।
ये लोग कौन थे कहां से आए हम नहीं जानते। हमारे युवकों ने इन्हें पकड़ा और अब पुलिस के हवाले कर दिया गया है। इस वजह से हम ध्यान रखते हैं कि कोई बाहरी व्यक्ति हमारे बीच न आए। ये भीड़ को उकसाकर कुछ हंगामा करने की ताक में थे।
सीएम हाउस घेराव पर निकले थे प्रदर्शनकारी
22 अप्रैल को बिजली संविदा कर्मी घेराव के लिए दोपहर को निकले। संविदा कर्मियों को पुलिस प्रशासन ने सप्रे शाला के पास रोक दिया। इस दौरान संविदा कर्मियों ने कंपनी प्रबंधन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। विद्युत संविदा कर्मियों का शांतिपूर्ण अनिश्चित कालीन आंदोलन को एक माह से अधिक हो गया है। मगर अधिकारी इनकी तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं।
इस वजह से आंदोलन
छत्तीसगढ़ स्टेट पावर कम्पनी में लाइन परिचारक संविदा कर्मियों को दो साल के संविदा/परिवीक्षा अवधि पूर्ण करने पर नियमित करने की परम्परा रही है। कर्मचारियों का दावा है कि राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण विद्युत संविदा कर्मियों का नियमितीकरण नहीं हो रहा है। 26 से अधिक संविदा कर्मियों का काम के दौरान हादसों में निधन हो गया है। इसलिए विद्युत संविदा कर्मी अपने नियमितीकरण और अनुकम्पा नियुक्ति का मांग कर रहे हैं।





