बीजापुर: तेंदूपत्ता, जिसे बस्तर में हरा सोना भी कहा जाता है कि खरीदी दर में बढ़ोत्तरी, बकाया बोनस और नकद भुगतान व्यवस्था को यथावत रखने की मांग को लेकर शुक्रवार को हजारों ग्रामीणों ने रैली की शक्ल में बीजापुर जिला मुख्यालय में दाखिल होने की कोशिश की, जिन्हें पुलिस बल ने छह किलोमीटर पहले संतोषपुर नामक गाँव मे रोक लिया।
जानकारी मिलने के बाद राजस्व से लेकर वन् विभाग का अमला मौके पर पहुँचा। कई घण्टो तक ग्रामीण आगे कूच करने की मांग पर अड़े रहे, लेकिन भारी पुलिस बल की तैनाती के चलते आगे नही बढ़ पाए।
अन्ततः मौके पर पहुँचे वन् विभाग के अफसर डीएफओ अशोक पटेल, एसडीएम हेमेंद्र भुआर्य एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पंकज शुक्ला ने ग्रामीणों के प्रतिनिधि मंडल से लंबी चर्चा और समझाइश के बाद ग्रामीण अपनी मांगों को ज्ञापन के जरिये अवगत कराते लौटे।
ग्रामीणों ने अपनी मांग रखते हुए संतोषपुर में जमकर नारेबाजी भी की। अपनी 5 सूत्रीय मांगों को लेकर ग्रामीणों ने सौंपा ज्ञापन। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की कि तेंदूपत्ता की प्रति सैकड़ा 550/ रुपये की जाए, तेंदुपत्ता का भुगतान ऑनलाइन के बजाय नकद किया जाए, 2019-20 एवं 20-21 सत्र में खरीदे गए तेंदूपत्ता के दर में बोनस दिया जाए, उन्होंने महुआ को 55 रुपए किलो, किसानों की धान का समर्थन मूल्य 2500 रुपए देने सहित 5 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपकर अपनी मांग रखी। जिसमे उनकी बकाया बोनस, नकद भुगतान व्यवस्था, खरीदी दर प्रति गड्डी में बढ़ोतरी, हिंसक जानवरों के हमले में जान-माल की हानि पर पीड़ित को यथा शीघ्र मुआवजा देने जैसी माँगे शामिल थी, जिस पर नियमों का हवाला देते यथा सम्भव मांगों को पूरा किये जाने का आश्वासन दिया गया।
प्रदर्शन को लेकर बढ़ाई गई थी सुरक्षा व्यवस्था
जिला प्रशासन ने ग्रामीणों की रैली को देखते हुए जिले सभी क्षेत्रों की सुरक्षा बढ़ा दी थी। सुरक्षा में लगे पुलिस कर्मियों ने बताया कि हजारों की संख्या में ग्रामीणों के आने कारण सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने का निर्देश दिया गया था। प्रदर्शनकारी ग्रामीण पारंपरिक औजार के साथ प्रदर्शन कर रहे थे।उन्हें जिला कार्यलय से पहले संतोषपुर में ही रोककर उनकी मांगों को सुना गया। उनकी मांगों को जिला प्रशासन तक पहुंचाने का भरोसा दिलाया गया है।
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