रायपुर। संविलियन की मांग जोर पकड़ती जा रही है। अब शिक्षाकर्मियों ने अपने वाट्सएप ग्रुप में भी इस बार संविलियन सरकार का मैसेज फारर्वड करना शुरु कर दिया है। शिक्षाकर्मियों का कहना है कि इस बार उनका और उनके परिवार को वोट उसी को मिलेगा, जो उन्हें संविलियन देगा। इस तरह का मैसेज शिक्षाकर्मियों के ग्रुप में तेजी से वायरल हो रहा है। एक समाचार प्रकाशित हुआ था, जिसमें यह लिखा था कि संविलियन के बाद शिक्षाकर्मी सरकार को वोट देंगे या नहीं इस बात पता सरकार लगा रही है। उसी समाचार के बाद शिक्षाकर्मियों ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इस तरह का मैसेज वायरल करना शुरु किया है।
मैसेज में साफ तौर पर लिखा है कि मेरा और मेरे परिवार को वोट उसे ही मिलेगा, जो मुझे संविलियन देगा। इसका साफ मतलब है कि अगर भाजपा सरकार संविलियन के मामले में हील-हवाला करती है तो उसे बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है। शिक्षाकर्मियों ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि संविलियन उनकी प्रमुख मांग है। बाकी मांगे इसके बाद है।
इसी को देखते हुए सरकार ने एक कमेटी गठन किया था, जिसका कार्यकाल तीन मार्च को समाप्त होना था और उसे अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन वह समय से रिपोर्ट नहीं सौंप पाई। इसके बाद फिर कार्यकाल बढ़ाया गया है। 16 मार्च को शिक्षाकर्मियों को उनकी बात रखने के लिए दोबारा बुलाया गया था, लेकिन मुख्य सचिव ने सभी शिक्षाकर्मियों से बात नहीं की इस बात से भी वे नाराज है। एमपी में संविलियन होने के बाद से छत्तीसगढ़ में भी संविलियन की मांग ने जोर पकड़ लिया है। शिक्षाकर्मियों ने खुल तौर पर कहा कि संविलियन नहीं तो सरकार नहीं।
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