हेमचंद यादव विश्वविद्यालय में इस बार उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांक करने वाले प्राध्यापकों को नकद भुगतान करने के स्थान पर आरटीजीएस किया जाएगा। साथ ही एक निश्चित सीमा के बाद अधिक भुगतान होने पर उनका टीडीएस भी काटा जाएगा। पहले शिक्षकों को कैश ने कैरी यानी उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन करके जमा करते ही विवि में ही नकद भुगतान किया जाता था। इस बार इसमें बदलाव किया गया है। प्राध्यापकों से खाता नंबर मांगे गए हैं। प्रति कॉपी 15 रु. मिलेगी।
नकद भुगतान से खाते में नहीं दिखती थी रकम
प्राध्यापकों को नकद भुगतान करने से उनके खाते में अलग से आय वाली रकम नहीं दिखती थी। वहीं जेब में आने वाली नकद रकम खर्च भी हो जाती थी। कुछ प्राध्यापकों ने भी नकद के स्थान पर डिजिटल पेमेंट की मांग की थी। इस बात को ध्यान में रखते हुए इस बार इस बार आरटीजीएस करने का फैसला किया गया। मूल्यांकन के बाद रकम प्राध्यापकों के खातों में आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर की जाएगी।
35 हजार परीक्षार्थियों की आंसरशीट का मूल्यांकन
9 मई तक हुई पीजी प्राइवेट की परीक्षा में करीब 35 हजार परीक्षार्थी शामिल हुए हैं। किसी परीक्षार्थी की चार उत्तर पुस्तिकाएं हैं तो किसी की पांच। इस तरह विवि को इनकी करीब डेढ़ लाख कॉपियां मिली हैं। इनका अब मूल्यांकन भी शुरू किया जा रहा है। जिन कक्षाओं में परीक्षार्थियों की संख्या कम है, उनकी कॉपियों का मूल्यांकन पहले किया जा रहा है, ताकि उसके नतीजे जल्दी जारी किए जा सकें। इसकी तैयारी की गई है।
25 अप्रैल से परिणाम होंगे जारी, डीयू ने किया तय
अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि जिन कक्षाओं में परीक्षार्थियों की संख्या कम है, उनके नतीजे जल्दी जारी किए जाएंगे। जिस गति से काम चल रहा है, उसकी रफ्तार उसी तरह बनी रही तो 25 अप्रैल को अभी हाल ही में हुई प्राइवेट परीक्षाओं के नतीजे जारी करना शुरू कर देंगे। इससे छात्रों को नए सत्र में प्रवेश लेने में आसानी होगी और उन्हें पढ़ने के लिए भी अधिक से अधिक समय मिल सकेगा।
Add Comment