जिले के मांडलगढ़ क्षेत्र के लालपुरा गांव की तीन माह की एक बच्ची को उल्टी-दस्त होने पर उसकी मां ने दवा के रूप में अफीम खिला दी. बालिका की हालत, सुधरने की बजाय और ज्यादा बिगड़ गई तो उसे एमजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है, जहां उसकी हालत अब खतरे से बाहर बताई गई है.
मातृ एवं शिशु चिकित्सालय के हेड ऑफ डिपार्टमेंट (बाल रोग विशेषज्ञ) डॉ. जगदीश सौलंकी ने बताया कि गुरुवार सुबह मांडलगढ़ तहसील के लालपुरा गांव की 3 माह की बच्ची टीना पुत्री कालूराम धाकड़ को यहां भर्ती करवाया गया. बच्ची को 5 दिनों से उल्टी दस्त की शिकायत थी.
टीना को उसकी मां सोनिया ने उल्टी-दस्त रोकने के लिए अफीम का टुकड़ा दे दिया था. डॉ. सौलंकी ने बताया कि इसके बाद बच्ची को सांस लेने में दिक्कत होने लगी. उसकी स्थिति गंभीर हो गई तो बच्ची को परिजन मातृ एवं शिशु चिकित्सालय ले आये.
यहां उसे भर्ती कर अफीम का एंटीडोज बच्ची को लगाया गया. इसके बाद बच्ची की हालत खतरे से बाहर है. बच्ची का उपचार अभी जारी है. उधर, हैड कांस्टेबल नानूराम ने बताया कि लालपुरा की तीन माह की बच्ची को दस्त होने पर किसी के कहने पर उसकी मां सोनिया ने भूलवश अफीम दे दी.
इसके बाद उसकी हालत ज्यादा बिगड़ गई. इस दौरान बच्ची का पिता कालूराम बाहर गया हुआ था. बाद में बच्ची को उसके परिजन पहले महुआ व इसके बाद मांडलगढ़ अस्पताल ले गये, लेकिन हालत में सुधार नहीं होने पर उसे रैफर कर दिया गया था. हैडकांस्टेबल का कहना है कि उसके परिजनों ने भूलवश हुई इस गलती को स्वीकार करते हुये कहा कि भविष्य में वे इस तरह की गलती दोबारा नहीं करेंगे.
बच्ची को कोई भी दिक्कत होती है तो वे उसे डॉक्टर को ही दिखायेंगे. फिलहाल बच्ची का एमजी हॉस्पिटल में उपचार जारी है.
Add Comment