कहते हैं कि बेटा पिता के बुढ़ापे की लाठी होता है लेकिन उसी लाठी ने पिता को ऐसा जख्म दिया जो भुलाया नहीं जा सकता है। उसे रोटी नहीं दे सका और बेसहारा कर घर से निकाल दिया। कानपुर का जब यह मामला सामने आया तो जिसने भी सुना चौंक पड़ा।
बूढ़े पिता का कुसूर सिर्फ इतना था कि उसने बकरियां चराने से मना कर दिया था। इस पर दो बेटे इतना गुस्साए कि उसे दो दिन तक खाना ही नहीं दिया। भूख-प्यास से बेहाल वृद्ध सरसौल चौकी पर पुलिस से गुहार लगाने पहुंचा तो दरोगा ने पहले तो उसे भरपेट खाना खिलाया। फिर उन्हें घर ले जाकर बेटों को दोबारा ऐसा न करने की सख्त हिदायत दी।
महाराजपुर कस्बे के बड़ा गांव निवासी 80 वर्षीय बाबूलाल यादव किसान हैं। वह पत्नी शकुंतला देवी और तीन बेटों शिवकुमार उर्फ श्याम, रवि और सोनू के साथ रहते हैं। रवि और सोनू सूरत में प्राइवेट नौकरी करते हैं। रवि कुछ दिन पहले छुट्टी पर यहां आया हुआ है। बाबूलाल ने बताया कि वह घर पर बकरियां पाले हैं और ढाई बीघा जमीन पर खेती करते थे।
शिवकुमार भी खेती करता है। बाबूलाल के मुताबिक वह रोजाना बकरियां चराने ले जाते थे। पिछले दो दिनों से बीमारी होने के कारण वह बिस्तर से उठे तक नहीं। उनके बेटों को पिता की हालत देखकर तरस भी नहीं आया और न ही उन्होंने दो दिनों तक खाने के लिए कुछ दिया।
बुधवार सुबह जब वह भूख से परेशान होकर खाना मांगने लगे तो बेटों ने घर से बाहर निकाल दिया। इसके बाद वह भूखे-प्यासे करीब सात किलो मीटर दूर सरसौल चौकी पहुंचे। जहां पर चौकी प्रभारी पवन कुमार तिवारी के सामने रो-रोकर बेटों की करतूत बताई। चौकी प्रभारी ने पहले तो बाबूलाल को भरपेट भोजन करवाया। फिर अपने साथ गाड़ी बैठाकर घर पहुंचे। उन्होंने बेटों को दोबारा ऐसा न करने की सख्त हिदायत देकर वृद्ध को घर छोड़ा। बाबूलाल ने चौकी प्रभारी का हाथ पकड़कर धन्यवाद कहा।
पुलिस का मानवीय चेहरा
पुलिस के खराब रवैये के बारे में पढ़ने और सुनने को मिलता है। किसी की बेवजह पिटाई, वसूली, दबंगई की शिकायतें भी आम हैं लेकिन पुलिस का एक उजला पक्ष भी है। खाकी के पीछे भी दिल होता है.. संवेदना होती है… इंसानियत होती है… दया होती है… सेवाभाव होता है। सरसौल में दो दिन से भूखे बुर्जु्ग को देख पुलिस वालों की आंखें नम हो गईं।
कानूनी कार्यवाही से पहले उस गरीब बुजुर्ग में अपने पिता की छवि देखी और पूरे सम्मान और स्नेह के साथ उन्हें भोजन कराया। पुलिस के इस मानवीय चेहरे को देख इस वाकये को देख रहे कई लोगों के हाथ आशीर्वाद को अपने आप उठ गए।
Add Comment