शिक्षाकर्मियों की महिला पदाधिकारियों ने की डॉ. रमन सिंह से मांग
रायपुर। महिला शिक्षाकर्मियों ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से मांग की है कि अभी नवरात्रि चल रहे हैं और आप भी शाक्ति के उपासक है ऐसे में आप बड़ी संख्या में शिक्षाकर्मी का दायित्व निभा रही महिला शिक्षाकर्मियों को संविलियन की मांग पूरा करके उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं। प्रदेश के एक लाख 80 हजार शिक्षाकर्मियों में सर्वाधिक संख्या महिला शिक्षाकर्मियों की है। पिछले दिनों संविलियन की मांग को लेकर हुए आंदोलन में महिला शिक्षाकर्मियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था, यहां तक कि बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां भी दी थी। केबिनेट की अहम बैठक में प्रदेश के महिला शिक्षाकर्मियों का प्रतिनिधित्व करने वाली शालेय शिक्षाकर्मी संघ के प्रांतीय पदाधिकारियों ने खुलकर अपनी बात कही। प्रान्तीय उपाध्यक्ष डॉ सांत्वना ठाकुर ने कहा कि अभी नवरात्रि का पर्व है, मुख्यमंत्री शक्ति के आराधक माने जाते हैं, प्रदेश में हम शिक्षाकर्मी जो बच्चों का भविष्य गढ़ रहे हैं ज्ञानशक्ति का ही रूप हैं।
मुख्यमंत्री संविलियन की घोषणा करके हम ज्ञानशक्तियों को प्रसन्न कर सकते हैं। प्रांतीय महासचिव बुशरा परवीन और स्मृति वीरेंद्र दुबे ने कहा कि प्रदेश का समुचित विकास तभी कहलायेगा जब शिक्षक को उचित सम्मान मिलेगा। प्रदेश की भावी पीढ़ी का भविष्य गढऩे वालों का भविष्य संविलियन देकर ही मुख्यमंत्री संवार सकते हैं। प्रान्तीय प्रवक्ता दीपिका झा ने कहा कि हम मुख्यमंत्री के बात को मानकर अपने आंदोलन को स्थगित किया था, अब भी अपने संविलियन करने के अपने वादे को पूर्ण करे। शिक्षक पंचायत ननि मोर्चा के प्रांतीय उपसंचालक जितेन्द्र शर्मा ने बताया कि हाईपावर कमेटी का एक माह बढ़ाया हुआ कार्यकाल भी अब समाप्ति पर है,यदि संविलियन की घोषणा जल्द नही की गई तो 3 अप्रैल से होने वाले बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार किया जावेगा।
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