राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत ने कश्मीरी पंडितों को लेकर बड़ा बयान दिया है. कश्मीरी पंडितों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अब संकल्प पूर्ति का समय नजदीक है. अबकी बार अपनी मातृभूमि में ऐसे बसना है कि फिर कोई उजाड़ न सके. सभी के साथ मिलजुल कर रहना है.
द कश्मीर फाइल्स को लेकर कही ये बात
उन्होंने कश्मीरी हिंदू समुदाय को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने राजा ललितादित्य के इतिहास पर विस्तार से चर्चा की. वहीं, उन्होंने फिल्म द कश्मीर फाइल्स का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ लोग द कश्मीर फाइल्स के समर्थन में हैं, कुछ इसे आधा सच कह रहे हैं. लेकिन इस देश के आम आदमी की राय है कि दुनिया के सामने विनाशकारी सच पेश करके इस फिल्म ने न केवल विस्थापितों का दर्द पेश किया है. बल्कि हमें भी हिला दिया.
अब कश्मीरी पंडितों को कोई नहीं कर सकता मजबूर
उन्होंने आगे कहा कि अब कोई भी कश्मीरी पंडितों को जाने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है. और अगर कोई कोशिश करता है, तो उसे परिणाम भुगतने होंगे. उन्होंने कहा, ‘2011 में हमने वापस लौटने के लिए इसी तरह का समर्पण किया था, लेकिन वो समय नहीं था. अब समय आ गया है कि हम अपनी शर्तों के साथ वापस आएं और वहां बस जाएं.
आपको वहां बसने की जरूरत नहीं है, बल्कि इस तरह से बसना है कि आप फिर से उजड़ न जाएं.’ उन्होंने कहा कि अब कश्मीर में ऐसे बसेंगे कि फिर कोई विस्थापित न कर सके. धैर्य के साथ अपना प्रयास जारी रखना है. संपूर्ण भारत का अभिन्न अंग बन कर कश्मीर में बसना और रहना है.
सामूहिक प्रयासों से सुलझा आर्टिकल 370 का मुद्दा
संघ प्रमुख ने कहा कि पहले मैंने कहा था कि कश्मीरी पंडितों के मुद्दे को जन जागरूकता जैसे माध्यम से हल किया जाएगा. आर्टिकल 370 हटाना होगा. 2011 के बाद इन 11 वर्षों में, हमारे सामूहिक प्रयासों के कारण ये मुद्दा सुलझा.
‘सभी से मिलजुल कर रहना चाहिए’
मोहन भागवत ने कहा कि संकट आते हैं. कई बार भयंकर संकट आते हैं. कभी-कभी लंबे समय तक रहते हैं. ऐसा न हो यह हम सबकी कामना है. यह बात ऐसी नहीं है जो वापिस नहीं हो सकती. एक न एक दिन हम इसको वापस कर देंगे. इस हिम्मत को छोड़ना नहीं है. इस हिम्मत को पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाना चाहिए. अपने लोगों को जगाना चाहिए. कट्टरपन नहीं होना चाहिए. सभी से मिलजुल कर रहना चाहिए.
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