दंतेवाड़ा: जिले में सरकारी विवाह में महिला बाल विकास की बड़ी लापरवाही सामने निकल कर आई है। कटेकल्याण ब्लाक के बड़ेगुडरा सेक्टर बेडमा गांव के कृष्ण कुंजाम वधू संजना की दोबारा विवाह करवा दी गई। यह जोड़ा विवाहित होने के साथ-साथ सरकारी नौकरी में भी है। वर वन विभाग में कार्यरत है तो वधू स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत है।
जबकि योजना निर्धन कन्याओं के लिए है, महिला बाल विकास के अधिकारी टारगेट पूरा करने नियमों को ताख में रखकर विवाहित जोड़े की फिर से विवाह करवा दी गई। इस बारे में जब विवाहित जोड़ों ने स्वीकार किया कि पूर्व में हमारी शादी आदिवासी रीति-रिवाज के साथ हुई थी और हम दोबारा हिंदू रीति-रिवाज से शादी कर रहें हैं। गौरतलब है कि दंतेवाड़ा के मेढका-डोवरा में रविवार को मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत 351 जोड़ों का विवाह करवाया गया।
सरकार आसमान में योजना बनाती है और अधिकारी धरती पर उसे निपटाने का जुगाड़ बनाते हैं
दंतेवाड़ा में आज निर्धन कन्या विवाह का आयोजन किया गया।अधिकारियों ने टार्गेट पूरा करने की जद्दोजहद में पहले से शादीशुदा सरकारी कर्मचारियों को भी बैठा दिया मंडप पर। :@ranutiwari_17 pic.twitter.com/xoOg7p850B
— Bastar Talkies (@BastarTalkies) March 27, 2022
इस विवाह योजना में 345 जोड़े हिंदू रीति रिवाज से दाम्पत्य जीवन में बंधे। तीन जोड़े ईसाई रीतिरिवाजों से शादी के बंधन में बंधे। इसी तरह आठ आत्मसमर्पित नक्सली भी इस योजना के तहत गंठबंधन में बंध गए। इस विवाह योजना के तहत वर-वधु को 10 हजार नकद, एक हजार बैंक खाते में डाले जाएंगे।
वधू के कपड़े दूल्हे के लिए धोती कुर्ता, वर के लिए जूते और वधू को सेंडल, गद्दा, तकिया, माला सहित 28 सामग्री प्रदान की जाती है, इसी लालच में विवाहित ग्रामीण विवाह के लिए आते है, इससे पहले भी विवाहित और बच्चे वालों के विवाह करवाने का मामला सामने आ चुका है, जिस पर कोई कार्यवाही नही हुई है।
दंतेवाड़ा कलेक्टर दीपक सोनी ने सरकारी कर्मचारी और विवाहित जोड़े के फिर से शादी करवाने के मामले में जांच करवाये जाने की बात कही गई है। राकेश पांडे
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