नई दिल्ली: चक्रवाती तूफान ‘आसनी’ के अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के तट तक पहुंचने के अनुमान के साथ, प्रशासन द्वीपसमूह में स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक व्यवस्था कर रहा है, जिसमें निचले इलाकों से लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना शामिल है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की वेबसाइट के अनुसार, बंगाल की दक्षिण पूर्व खाड़ी और उससे सटे दक्षिण अंडमान सागर पर आज एक दवाब और निम्न दबाव वाले क्षेत्र के 21 मार्च के आसपास एक चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका है।
इसके बाद इसके उत्तर-उत्तर पूर्व की ओर बढऩे और 22 मार्च को उत्तरी म्यांमार के दक्षिण-पूर्वी बांग्लादेश तटों के पास पहुंचने की संभावना है। आईएमडी ने शनिवार को अपने बुलेटिन में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के कुछ स्थानों पर भारी वर्षा की भविष्यवाणी की है, साथ ही निकोबार द्वीप समूह में अत्यधिक भारी बारिश की संभावना जताई है।
एक बयान के अनुसार, मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण ने हुई एक बैठक में प्रशासन की तैयारियों की समीक्षा की और सभी हितधारकों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि निकाले गए लोगों को आश्रय देने के लिए बनाए गए अस्थायी शिविरों में भोजन, पानी और अन्य बुनियादी सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था हो। नारायण ने निर्देश दिया कि खराब मौसम को देखते हुए नौ-परिवहन सेवाओं को तुरंत स्थगित कर दिया जाए और मछली पकडऩे वाली किसी भी नाव को समुद्र में जाने की अनुमति नहीं दी जाए।
उन्होंने आपदा प्रबंधन विभाग से लोगों के बीच इस संबंध में जागरूकता फैलाने को कहा। मौसम विभाग ने 20 मार्च को अधिकतर स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ बौछारें पडऩे की चेतावनी दी है। विभाग ने कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश और केंद्र शासित प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश की आशंका जताई है। विभाग ने सभी मछुआरों को अंडमान सागर और उससे सटे दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी में न जाने की सलाह भी दी है।
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