चंडीगढ़: हरियाणा में कांग्रेस पार्टी अपने युवा नेता और राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा को प्रदेश कांग्रेस कमिटी का अध्यक्ष बना सकती है. अभी वर्तमान में कुमारी सैलजा हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष हैं. हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी सैलजा को इस पद से हटाने की मांग काफी दिनों से कर रहे हैं. अब वह कांग्रेस के G-23 का हिस्सा हो चुके हैं. माना जा रहा है कि कांग्रेस भूपेंद्र हुड्डा को G-23 से अलग करने के लिए फॉर्मूले के तौर पर उनके पुत्र दीपेंद्र सिंह हुड्डा को हरियाणा कांग्रेस की कमान सौंप सकती है.
हरियाणा में कांग्रेस के संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया चल रही है. संगठनात्मक चुनाव के मद्देनज़र ताराचंद भगौरा (राजस्थान के पूर्व सांसद) को हरियाणा के चुनाव अधिकारी नियुक्त किया गया है. 31 मार्च तक चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने के लिए सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है. गौरतलब है कि इस बार कांग्रेस की तरफ से ऑनलाइन सदस्यता अभियान चलाई जा रही है. हरियाणा कांग्रेस में गुटबाज़ी की वजह से पिछले आठ सालों से संगठनात्मक चुनाव नहीं हुए हैं.
कुमारी सैलजा और भपूेंद्र हुड्डा में काफी समय से चल रही खींचतान
आपको बता दें कि युवा कांग्रेस के संगठनात्मक चुनाव भी आनलाइन सदस्यता के आधार पर हुए थे. युवा कांग्रेस के संगठनात्मक चुनाव में करीब 15 लाख सदस्य बनाए गए थे, वहीं चुनाव प्रक्रिया में करीब 10 लाख युवा सदस्यों की भागीदारी रही थी. हरियाणा की वर्तमान कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बीच संगठन पर कब्जे को लेकर काफी दिनों से खींचतान चल रही है. मीडिया के सामने कुमारी सैलजा और भूपेंद्र हुड्डा किसी भी तरह के मतभेद से किनारा करते रहे हैं. लेकिन मौका मिलते ही एक दूसरे का पर कतरने का मौका नहीं छोड़ते.
हरियाणा में पार्टी के अंदर की गुटबाजी खत्म करना चाहती है कांग्रेस
इनके अलावा हरियाणा कांग्रेस में रणदीप सिंह सुरजेवाला, किरण चौधरी, कुलदीप बिश्नोई, और कैप्टन अजय यादव भी संगठन में अपना दबदबा बनाने की पुरजोर कोशिश करते रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस की कोशिश है कि अगले विधानसभा चुनाव से पहले हरियाणा में पार्टी के अंदर की गुटबाजी खत्म की जाए. दीपेंद्र सिंह हुड्डा को हरियाणा कांग्रेस प्रदेश कमिटी का अध्यक्ष बनाकर कांग्रेस उनके पिता भूपेंद्र सिंह हुड्डा की नाराजगी भी दूर करना चाहती है, जो इस समय पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन की मांग कर रहे G-23 नेताओं के साथ खड़े हैं.
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