रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज जांजगीर-चांपा जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा खरीदे गये वेंटीलेटर में भारी भ्रष्टाचार का मामला उठा। भाजपा विधायक सौरभ सिंह द्वारा उठाये गये इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की अनुपस्थिति में जवाब दे रहे वन मंत्री मो. अकबर ने जांच की घोषणा की।
प्रश्रकाल में आज भाजपा विधायक सौरभ सिंह यह मामला उठाते हुए विभागीय मंत्री से पूछा कि वर्ष 2021 में स्वास्थ्य विभाग द्वारा किस-किस मद के अंतर्गत प्राप्त राशि से किस-किस कंपनी का वेंटिलेटर कब-कब खरीदा गया एवं खरीदी गई एजेंसी का नाम एवं कितना भुगतान किया गया।
इसके जवाब में मंत्री मो. अकबर ने बताया कि डीएमएफ मद से ड्रेगर व रेसमेड कंपनी से एवं सीएसआर मद से एलाईड कंपनी से वेंटीलेंटर की खरीदी की गई। उन्होंने यह भी बताया कि एजेंसी श्रेय कारपोरेशन रायगढ़ को 16665600 रूपये एवं 12992000 रूपये तथा मेसर्स मल्टी इंटरनेशनल रायपुर को 21240000 रूपये इस तरह कुल 05 करोड़ 60 लाख राशि का भुगतान किया गया।
भाजपा विधायक सौरभ सिंह ने पूरक प्रश्र किया कि कुल कितने वेंटीलेटर खरीदे गये है। मंत्री अकबर ने बताया कि कुल 28 वेंटीलेटर खरीदे गये।
इस पर सौरभ सिंह ने कहा कि 14 दिसंबर 2021 को विधानसभा में पूछे गये एक सवाल के जवाब में आया था कि सिर्फ 07 वेंटीलेटर खरीदे गये, जबकि मंत्री अब बता रहे है कि 28 वेंटीलेटर खरीदे गये। अगर 28 वेंटीलेटर खरीदे गये तो शेष वेंटीलेटर कहां है।
सौरभ सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोना आपदा को अवसर में बदलकर पैसों का दूरप्रयोग व भ्रष्टाचार किया गया है। उन्होंने कहा कि मंत्री ने उनके प्रश्र के उत्तर में कहा है कि कोटेशन के आधार पर खरीदी की जाती है, लेकिन मैं सदन में बताना चाहता हूं कि यह सिंगल कोटेशन के आधार पर खरीदी की गई है। जबकि सिंगल कोटेशन पर खरीदी नहीं की जा सकती है। इसमें सिर्फ 02 एजेंसी व 03 कंपनियों से खरीदा गया है वो भी एक कंपनी से तीन अलग-अलग रेट पर खरीदा गया है।
मंत्री मो. अकबर ने इस मामले में कहा कि कोरोना काल में भंडार क्रय के नियम में छूट होता है, चूंकि सदस्य ने इस पर चिंता व्यक्त की तो इस मामले की वे जांच करायेंगे।
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