देश में बिजली के किसी संकट की फिलहाल कोई आशंका नहीं है, क्योंकि देश में बिजली की अधिकतम मांग के मुकाबले स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता अधिक है. सरकार ने आज संसद को इसकी जानकारी दी. बिजली मंत्री आर के सिंह ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में कहा कि देश में बिजली का कोई संकट नहीं है.
28 फरवरी 2022 तक कुल स्थापित उत्पादन क्षमता 395.6 गीगावॉट है जो कि देश में बिजली की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है, चालू वर्ष के दौरान अधिकतम मांग 203 मेगावॉट रही है. वहीं केन्द्रीय मंत्री ने जानकारी दी कि कोयले के आयात में गिरावट देखने को मिल रही है. इस अंतर को पूरा करने के लिये घरेलू उत्पादन को बढ़ाया गया है.
कोयले का आयात घटा
सदन के एक अन्य उत्तर में, मंत्री ने सदन को बताया कि केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 2021-22 (अप्रैल-जनवरी) के दौरान कोयले का आयात घटकर 2.27 करोड़ टन रह गया. पिछले साल इसी अवधि के दौरान 3.9 करोड़ टन कोयले का आयात किया गया था.
आयात में गिरावट अंतरराष्ट्रीय बाजार में कोयले की ऊंची कीमत की वजह से देखने को मिली है. उन्होने जानकारी दी कि कोयले के आयात में आई कमी को घरेलू कोयले की सप्लाई बढाकर पूरा किया गया है. जो (अप्रैल-जनवरी) 2020-21 के दौरान 442.6 एमटी से बढ़कर 2021-22 (अप्रैल-जनवरी) के दौरान 547.2 एमटी तक पहुंच गया है.
गैर जीवाश्म ईंधन पर बढ़ेगा जोर
केन्द्रीय मंत्री ने सदन को जानकारी दी कि सरकार का लक्ष्य 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित क्षमता (हाइड्रो, परमाणु, सौर, पवन, बायोमास, आदि) से 500 गीगावॉट स्थापित क्षमता हासिल करना है. इससे कोयला आधारित उत्पादन पर दबाव काफी हद तक कम हो जाएगा.
सदन में दी गई जानकारी के अनुसार अप्रैल-फरवरी (2021-22) के दौरान कोयला आधारित थर्मल प्लांटों के माध्यम से 938.36 अरब यूनिट (बीयू) बिजली का उत्पादन हुआ है जबकि 2020-21 की इसी अवधि में 850.89 बीयू यूनिट का उत्पादन हुआ था.
1.16 लाख मेगावाट क्षमता निर्माणाधीन
सदन को दिये एक अन्य जवाब में, मंत्री ने जानकारी दी कि 1,16,766 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता निर्माणाधीन है, जिसमें 72,606 मेगावाट नवीकरणीय (बड़ी पनबिजली परियोजनाओं सहित), 15,700 मेगावाट परमाणु और 28,460 मेगावाट थर्मल शामिल हैं. वर्ष 2021-22 (28 फरवरी, 2022 तक) के दौरान 15,978.84 मेगावाट की उत्पादन क्षमता जोड़ी गई है, जिसमें 3,825 मेगावाट थर्मल, 213 मेगावाट हाइड्रो (25 मेगावाट क्षमता से अधिक) और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से 11,940.84 मेगावाट शामिल हैं.
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