यूपी के समूचे विधानसभा चुनाव में हाई प्रोफाइल सीटों में करहल भी एक रही. यहां समाजवादी पार्टी नेता मुलायम सिंह के बेटे अखिलेश यादव मैदान में थे. अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल को हराया.
शुरू में बघेल इस चुनावी मैदान में तीसरे स्थान पर चल रहे थे और दूसरे स्थान पर बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी कुलदीप नारायण थे. करहल सीट मैनपुरी में पड़ती है जो मुलायम सिंह और समाजवादी पार्टी का गढ़ है. अखिलेश यादव ने अपने लिए उस विधानसभा को चुना जहां कभी उनके पिता स्कूल टीचर थे.
समाजवादी पार्टी के लिहाज से यह सबसे सुरक्षित सीट थी. अखिलेश यादव के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी ने भी दांव चला. उनके खिलाफ केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल को उतारा. बघेल भी इस इलाके में जाना-पहचाना नाम हैं.
20 मार्च को मतदान से पहले समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी ने वोटर्स को लुभाने की हर कोशिश की. पहले अखिलेश ने अपने पिताश्री मुलायम सिंह को यादव को उतारा. उसी दिन बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह प्रचार में उतरे. बीजेपी ने करहल सीट को बंगाल की नंदीग्राम सीट और यूपी की अमेठी सीट में तब्दील करने का चक्रव्यूह रचा. मुख्यमंत्री योगी भी इस कोशिश में शरीक रहे.
करहल यादव बहुल सीट है जिसका लाभ शुरू से समाजवादी पार्टी को मिलता रहा है. यह मैनपुरी संसदीय क्षेत्र में आती है जहां से मुलायम सिंह यादव सांसद हैं. पिछले चुनाव में मुलायम सिंह ने बीजेपी प्रत्याशी प्रेम सिंह शाक्य को 9,000 से अधिक वोटों से हराया था.
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