स्टील मार्केट में बूम से महारत्न कंपनी सेल अच्छा कारोबार कर रही है। इससे उसके कर्ज में 61 फीसदी और ब्याज भुगतान में 64 फीसदी तक की कमी आई है और मुनाफा लगातार बढ़ रहा है। इसके बावजूद कर्मियों की लंबे समय से लंबित सुविधाओं की ओर सेल प्रबंधन ध्यान नहीं दे रहा है। इस वजह से उनमें आक्रोश पनप रहा है। सेल ने अपने कर्ज तथा ब्याज भुगतान में ऐतिहासिक कमी की है। वहीं इस वित्त वर्ष रिकॉर्ड मुनाफा की ओर अग्रसर है।
साथ ही सेल का प्रदर्शन पहले के तीन तिमाही जैसा अंतिम तिमाही में भी रहा तो सेल की कुल आय पहली बार एक लाख करोड़ रुपए पार कर जाएगी। साथ ही चौथी तिमाही में संभावित 2500 करोड़ मुनाफा रहा तो सेल इतिहास में पहली बार 10 हजार करोड़ मुनाफा पार करके 12 हजार करोड़ मुनाफा कमा सकता है। ज्ञात हो कि सेल पहली तीन तिमाही में 9597 करोड़ रुपया कर पश्चात लाभ कमा चुका है।
ब्याज में 2169 करोड़ की हर साल राहत
सेल के कर्ज में अभी तक 32980 करोड़ की कमी आई है। वहीं ब्याज भुगतान में सेल को 2169 करोड़ रुपए प्रति वर्ष की राहत मिली है, जो कि 2018 तथा 2019 के एक साल के लाभ के बराबर है। जबकि निजी क्षेत्र के कई इस्पात संयंत्रों का कर्ज सेल के मुकाबले कई गुना अधिक है। एेसे में कर्मचारी भी लंबित मुद्दों के निराकरण की मांग कर रहे हैं। 62 महीने बाद भी उनका वेतन समझौता अधूरा है, जिससे कर्मियों में आक्रोश पनप रहा है।
सेल पर कर्ज और ब्याज भुगतान का ब्यौरा
वित्त वर्ष कर्ज ब्याज
2017 41396 2528
2018 45409 2823
2019 45170 3155
2020 54127 3487
2021 37677 2817
पिछले एक साल में कर्ज और ब्याज मे आई कमी
तिमाही कर्ज ब्याज
दिस. 20 46610 670
मार्च 21 37677 540
जुन 21 32585 503
सित. 21 24702 439
दिस. 21 21147 316
नोट – आंकड़े करोड़ रुपए मे
उत्पादन में भी 49.7 फीसदी की हुई बढ़ोतरी
इधर सेल ने इस वित्तीय वर्ष में 49.7 प्रतिशत फ्लैट प्रोड्क्ट का उत्पादन किया, जबकि 30 प्रतिशत लांग प्रोडक्ट और 20.2 फीसदी सेमी उत्पाद का उत्पादन किया है। लॉन्ग प्रोडक्ट में रेल पटरी और सरिया आदि हैं। बीएसपी, दुर्गापुर और इस्को बर्नपुर स्टील प्लांट में लॉन्ग प्रोडक्ट का उत्पादन होता है। बीएसपी ने अपनी पहचान को बरकरार रखते हुए रेल पटरी के उत्पादन में बेहतर रिजल्ट दिया है।
बीएसपी ने 57.6 प्रतिशत लॉन्ग उत्पाद का उत्पादन किया है। फ्लैट प्रोडक्ट के मामले में बीएसपी का आंकड़ा 21.8 प्रतिशत और सेमी उत्पाद का 20.7 प्रतिशत है। वहीं, दुर्गापुर स्टील प्लांट सिर्फ लॉन्ग और सेमी उत्पाद तक सीमित रहा। डीएसपी ने 53.9 व सेमी और 46.1 प्रतिशत उत्पादन किया है।
सेल कर्मियों के लंबित मुद्दे जो अब तक नहीं हुए पूरे
39 माह एरियर का भुगतान, 58 माह पर्क्स के एरियर का भुगतान, ग्रेड वाइज पदनाम, एक अतिरिक्त इंक्रीमेंट, पर्क्स को 35% करना, ओपन इंडेड पे स्केल या सभी कर्मियों को वार्षिक 3% इंक्रीमेंट सुनिश्चित करना, अन्य महारत्न कंपनियों की तर्ज पर रुकी सुविधाओं को बहाल करना, 300 रुपए रात्रि पाली भत्ता, एनटीपीसी के तर्ज पर पेट्रोल भत्ता, पॉवर ग्रिड के तर्ज पर कैंटीन सोडेक्सो, छुट्टियों की संख्या में वृद्धि, फेस्टिवल एडवांस में वृद्धि, कम्प्यूटर/लैपटॉप एडवांस, फर्नीचर एडवांस की सुविधा, वाहन लोन, एजुकेशन लोन, आवास लोन शुरु करना, निजी विद्यालयों में दो बच्चों के शिक्षा के लिए सब्सिडी, सेल कर्मियों को ड्रेस तथा वाशिंग अलाउंस का भुगतान।
लेबर प्रोडक्टिविटी में 53% तक की वृद्धि
सेल का हर एक कर्मचारी 461 टन क्रूड स्टील का प्रति वर्ष उत्पादन कर रहा है। यानी सेल के कुल क्रूड स्टील प्रोडक् शन में प्रति कर्मचारी 461 टन का योगदान है। साल 2015 में यह आंकड़ा 302 टन का था, जो अब बढ़कर 461 टन प्रति कर्मचारी प्रति वर्ष है। 2015 से अब तक करीब 53 प्रतिशत इंप्रूमेंट हुआ है। सेल में कुल मैनपॉवर एक जनवरी 2022 तक62960 है। इसमें करीब 52 हजार कर्मचारी और शेष अधिकारी हैं। वित्तीय वर्ष 2021-22 की तीनों तिमाही में 2604 कार्मिक रिटायर हो चुके हैं। हर माह करीब एक हजार के आसपास कर्मचारी रिटायर हो रहे हैं। भिलाई स्टील प्लांट में यह आंकड़ा करीब सौ का है। ऐसे में कर्मी भी अपनी मांगों को लेकर तरस रहे हैं।
मान्यता का चुनाव भी आया नजदीक
लंबित मांगों को लेकर बीएसपी कर्मचारियों में रोष है। इसके बावजूद बीएसपी प्रबंधन में इसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। एनजेसीएस की बैठक में जिस तरह वेतन समझौता किया गया। उससे यूनियनों की साख पर भी सवाल खड़े हुए हैं। वहीं यूनियनें भी लगातार इस मामले में प्रदर्शन और दूसरे तरीकों से 39 फीसदी एरियर व अन्य मांगें उठाने में लगी हैं। इसी भी मान्यता चुनाव भी सामने है।
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