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रूस-युक्रेन युद्ध: युक्रेन में फंसे लोगों के परिजनों ने लगाई सरकार से गुहार… हम लोग दहशत में, इसी साल बच्चों को पढ़ने भेजा था; उन्हें निकालें, या वहीं सुरक्षित रखें…

रूस-युक्रेन युद्ध में फंसे भारतीय छात्रों की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। एक ओर जान बचाने के लिए स्टूडेंट्स संघर्ष कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उनके परिजन भारत में परेशान हैं। ऐसे ही तमाम बच्चे छत्तीसगढ़ के जांजगीर से भी हैं।

परिजनों ने उन छात्रों को सही सलामत भारत लाने की अपील सरकार से की है। कहा है कि इसी साल बच्चों को पढ़ने के लिए भेजा था। अब हम लेाग बहुत दहशत में हैं। बच्चों को निकाल कर लाएं या उन्हें सुरक्षित वहीं रखें।

दरअसल, युक्रेन में जांजगीर के तुषार गिरी गोस्वामी जैसे करीब 12 से ज्यादा छात्र फंसे हुए हैं। वहां से वह फोटो-वीडियो अपने परिजनों से शेयर कर हालात की जानकारी देने में लगे हैं। ऐसे में परिजनों का डर और भी बढ़ता जा रहा है। कुछ तो ऐसे स्टूडेंट्स हैं, जिन्हें युक्रेन गए अभी कुछ महीने ही हुए हैं।

ऐसे ही एक छात्र आयुष शुक्ला हैं। उनके माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। मां ममता शुक्ला ने बताया कि आयुष खारकीव में मेडिकल का प्रथम वर्ष का छात्र है।

पता होता तो बच्चों को नहीं भेजते
ममता कहती हैं कि बेटे का इसी साल MBBS में एडमिशन कराया था। पहले पता होता तो कभी भी उसे नहीं भेजते। सबसे ज्यादा खारकीव में ही हालात खराब हैं।

आयुष के माता-पिता ने राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने बच्चों को सलामत लाने की गुहार लगा रहे हैं। ममता रोते हुए हाथ जोड़कर कहती हैं कि हमारे बच्चों को वापस ला दीजिए। अगर उन्हें लाना संभव न हो तो उनको वहीं सुरक्षित करवा दें।

मेट्रो स्टेशन के नीचे और बंकर में छिपे स्टूडेंट
परिजनों ने बताया कि बीच-बीच में बच्चों से बात होती है। वहां धमाके हुए हैं। इसके बाद बच्चे अपनी जान बचाने के लिए मेट्रो स्टेशन के नीचे छिप गए हैं। वहीं कुछ बच्चे बंकर में भी शरण लिए हुए हैं।

वहां हर पल उनकी जान को खतरा बढ़ता जा रहा है। जिले के राहुल साव, साहिल साहू, जयप्रकाश साहू, रमन मोदी, राजेश गबेल, निहारिका गबेल, युवराज चन्द्रा जैसे तमाम छात्र हैं, जो कीव और खारकीव में मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए गए थे।

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