छत्तीसगढ़

खादी भारत की राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक : डॉ. रमन सिंह

रायपुर। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि खादी भारत की राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने आजादी की लड़ाई में अंग्रेजों के खिलाफ स्वदेशी आंदोलन के जरिए खादी को हथियार बनाया था। इससे आम जनता को आजादी के आंदोलन से जुड़ने का अवसर मिला। खादी हमारे स्वाभिमान का भी प्रतीक है। मुख्यमंत्री कल रात यहां शंकर नगर बीटीआई मैदान में नेशनल हैण्डलूम एक्सपो तथा बुनकर सम्मेलन एवं प्रोत्साहन पुरस्कार समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। नेशनल हैण्डलूम एक्सपो दो फरवरी तक चलेगा। इस आयोजन में छत्तीसगढ़ सहित देश के नौ राज्यों-हरियाणा, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, बिहार, बंगाल, मध्यप्रदेश और उत्तराखण्ड के पराम्परागत हाथकरघा बुनकर आए हैं। उनकी हाथकरघा सहकारी समितियों के स्टाल भी लगाए गए हैं। नेशनल हैण्डलूम एक्सपो का आयोजन छत्तीसगढ़ राज्य हाथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ रायपुर द्वारा केन्द्रीय वस्त्र मंत्रालय के हाथकरघा विकास आयुक्त कार्यालय तथा राज्य सरकार के ग्रामोद्योग विभाग के सहयोग से किया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने शुभारंभ समारोह में कहा कि राज्य स्तरीय और राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत 60 वर्ष से अधिक उम्र के छत्तीसगढ़ प्रदेश के बुनकरों को आजीवन प्रतिमाह पांच हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ के बुनकरों की मेहनत के फलस्वरूप आज नये फैशन के इस जमाने में भी छत्तीसगढ़ के खादी और कोसा से बने कपड़ों की मांग अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ी है। यह हमारे लिए गौरव की बात है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज छत्तीसगढ़ में हाथकरघों से बने कपड़ों का वार्षिक कारोबार 180 करोड़ रूपए तक पहुंच गया है, जबकि 14 साल पहले हर वर्ष मात्र पांच करोड़ से सात करोड़ रूपए का व्यवसाय होता था।
मुख्यमंत्री ने समारोह में दीनदयाल सर्वश्रेष्ठ हथकरघा बुनकर प्रोत्साहन पुरस्कार के अंतर्गत वर्ष 2014-15 के लिए बुनकर योगेश कुमार देवांगन राजनांदगांव तथा रामजी देवांगन रायगढ़ और वर्ष 2015-16 के लिए संजय देवांगन बलौदाबाजार और मनीष देवांगन महासमुन्द को एक-एक लाख रूपए की प्रोत्साहन राशि के चेक और शॉल, श्रीफल देकर सम्मानित किया। इसी प्रकार स्वर्गीय बिसाहू दास महंत सर्वश्रेष्ठ हथकरघा बुनकर प्रोत्साहन पुरस्कार योजना के तहत वर्ष 2014-15 के लिए नंदलाल देवांगन रायगढ़ तथा भरत लाल देवांगन रायगढ़ और वर्ष 2015-16 के लिए श्री देवांगन देवांगन बलौदाबाजार और लखनलाल देवांगन जांजगीर-चांपा को सम्मानित किया। इन्हें भी एक-एक लाख रूपए की प्रोत्साहन राशि के चेक के साथ शॉल और श्रीफल भेंट किया गया।

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