जिसे लैब की गलती माना… उस डेल्टाक्रॉन वेरिएंट का मरीज ब्रिटेन में मिला… भारत के लिए भी ALERT…

नई दिल्ली . ब्रिटेन में SARS-CoV-2 के डेल्टा (Delta Variant) और ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron variant) के संयोग से पीड़ित एक मरीज का पहला मामला दर्ज किया है. अब तक दुनिया के वैज्ञानिकों ने ‘डेल्टाक्रॉन (Deltacron)’ संयोजन को एक लैब एरर माना था. इससे पहले, जब साइप्रस में ऐसा मामला पाया गया था, तो इसे प्रयोगशाला की गलती के रूप में समझा गया था. दोनों वेरिएंट्स के इस सह-संक्रमण के बढ़ने के कारण, अब भारतीय संघ (INSACOG), जो सैंपल की सीक्वेंसिंग के लिए जिम्मेदार है, ने भारत को अलर्ट पर रहने को कहा है.
खबरों में बताया गया है कि यूके में अब एक ही व्यक्ति में दोनों वेरिएंट्स का साझा स्वरूप का अस्तित्व पाया गया. इसी तरह के मामले अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में भी सामने आए हैं. गौरतलब है कि डेल्टा और ओमिक्रॉन को विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO ) द्वारा चिंता के रूपों के रूप में नामित किया गया है. डेल्टा वेरिएंट को 2020 के अंत में खोजा गया था और कई देशों ने इसके कारण विनाशकारी दूसरी COVID-19 लहर का सामना किया था.ओमिक्रॉन की खोज नवंबर 2021 में दक्षिण अफ्रीका में हुई थी. अब यह वेरिएंट ही सबसे अधिक प्रचलित COVID-19 वैरिएंट के रूप में देखा गया है.
वैज्ञानिकों के अनुसार जब दोनों वेरिएंट्स की तुलना की जाती है, तो ओमिक्रॉन, डेल्टा की तुलना में तेजी से फैला, लेकिन उस वक्त आबादी के बड़े हिस्सा को पहले से ही वायरस के खिलाफ टीका लगाया गया था, ऐसे में डेल्टा की तुलना में ओमिक्रॉन का असर बहुत हल्का रहा. डेल्टा वेरिएंट के संक्रमण में अपेक्षाकृत अधिक मौतें हुईं थीं. ऐसा माना जा रहा है कि यूके में मिला रोगी दोनों वेरिएंट के संपर्क में आ गया होगा और अब उसमें दोनों वेरिएंट्स का साझा वेरिएंट बन गया हो. हालांंकि, यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि उसे यह संक्रमण कैसे हुआ, क्या उसे विदेशी संक्रमण के कारण यह वेरिएंट मिला या फिर यह वेरिएंट, यूके में ही पैदा हुआ हो.
यूके की हेल्थ एजेंसी को इस बारे में कुछ भी जानकारी नहीं है. उसका कहना है कि अभी इस नए वेरिएंट प्रकार के बारे में, उसके इन्फेक्शन और प्रभावी होने के बारे में जांच हो रही है. इस पर वैक्सीन का कितना असर होगा, इसकी निगरानी और जांच की जा रही है. एजेंसी ने कहा है कि इस संबंध में अतिरिक्त डेटा एकत्र करने की आवश्यकता है जिससे इस सह-संक्रमण की गति, व्यवहार, प्रसार और गंभीरता को समझा जा सकेगा. अब तक, नए वेरिएंट ने कोई अलग व्यवहार नहीं दिखाया है. फिलहाल यह ओमिक्रॉन वेरिएंट की तरह ही कार्य करता मिला है. वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बारे में अभी ठोस जानकारी नहीं मिली है. अध्ययन और जांच को लेकर कई स्तर पर काम हो रहा है. अभी इस नए वेरिएंट के बारे में कोई निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा गया है.





