कर्नाटक के कॉलेज में हिजाब को लेकर उठा विवाद मुंबई के कॉलेज तक पहुंच गया है. मुंबई के मनीबेन एमपी शाह महिला कॉलेज में इस बात को लेकर बखेड़ा खड़ा हो गया कि कॉलेज ने अपने एडमिशन प्रोस्पेक्टस में ही इस बात का जिक्र किया हुआ है कि लड़कियां बुरखा हिजाब या घुंघट पहनकर क्लासरूम में नही आ सकती.
इस बारे में जब हमने कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ लीना राजे से बात की तो उनका कहना है कि साल 2010-11 में उनके यहां पर एक घटना घटी थी, जिसमें बुर्का पहनकर कुछ असामाजिक तत्व लड़के क्लास में घुस गए थे. इसेक बाद से उन्हें ऐसा नियम बनाना पड़ा.
हकीकत का पता लगाने के लिए हम पहुंचे BMM क्लास में, जहां कुछ मुस्लिम छात्राओं से हमने बात की जिन्होंने साफ तौर पर कहा कि कॉलेज ने कभी भी कोई जोर जबरदस्ती नहीं की. वह अपना हिजाब उतारे या बुर्का उतारकर ही क्लास में आए. एक छात्रा हमे ऐसी भी मिली जिसने हिजाब नहीं पहना हुआ था.
उसका कहना था कि हमारी मर्जी हम बुर्का पहने या नहीं. मूल विषय है शिक्षा ग्रहण करना ना कि धर्म को बीच में लाना. आई कार्ड देखने पर चेहरा मैच होने पर उन्हें अंदर छोड़ दिया जाता है. इस पूरे विवाद के उठने के बाद कॉलेज कैंपस में पुलिस तैनात हो गई है. कॉलेज प्रशासन भी अब अपने इस रूल रेगुलेशन में बदलाव करने की सोच रहा है.
कर्नाटक के इस विवाद को हवा देने में कई राजनीतिक पार्टियां सक्रिय हो गई है जो प्रत्यक्ष और परोक्ष रुप से मोर्चे निकलवा रही है. मुस्लिम महिलाओं और छात्राओं को बरगला रही हैं.
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