केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य एम सिंधिया ने प्रधानमंत्री-गति शक्ति की सफलता के लिए सभी हितधारकों, विशेष रूप से राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के बीच बेहतर समन्वय की जरूरत पर जोर दिया है। उन्होंने मध्य क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री-गति शक्ति सम्मेलन (वर्चुअल) को संबोधित किया।
सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री गति शक्ति की सफलता देश में मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को आगे बढ़ाएगी, जिससे 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की सोच को साकार किया जा सकेगा। इसके अलावा गति शक्ति की पहल से न केवल देश में अधिक निवेश लाने में सहायता मिलेगी, बल्कि बड़ी संख्या में रोजगार पैदा करने में भी यह सहायक होगा।
सिंधिया ने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री-गति शक्ति जिसकी लागत 100 लाख करोड़ रुपये है, यह भारत को एक वैश्विक महाशक्ति में बदलने का अभियान है। यह ऐतिहासिक उपलब्धि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के समन्वित प्रयास से प्राप्त किया जाएगा। इसे संभव बनाने के लिए केंद्र सरकार के 16 मंत्रालय बेहतर समन्वय से काम करेंगे।
इस योजना में मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी, आर्थिक क्षेत्र, औद्योगिक क्षेत्र, कृषि क्षेत्र, कार्गो क्षेत्र और स्मार्ट शहरों की परिकल्पना की गई है, जिससे देश में उत्पादन, परिवहन, मांग और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।
मंत्री ने आगे रेखांकित किया कि सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले मध्य भारत के सभी पांच राज्यों में 16 नए हवाईअड्डों का निर्माण किया जाएगा। मध्य प्रदेश के रीवा में एक हवाईअड्डे का निर्माण होगा। वहीं, छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर, बिलासपुर और जगदलपुर में भी हवाई अड्डे बनेंगे। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में नौ, राजस्थान में एक और महाराष्ट्र में दो हवाईअड्डों का निर्माण किया जाएगा। वहीं, प्रधानमंत्री-गति शक्ति के तहत एक लाख किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्गों का चौड़ीकरण किया जाएगा।
इस अवसर पर मध्य प्रदेश सरकार के औद्योगिक नीति व निवेश संवर्धन मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन, भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव राजीव बंसल, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के अध्यक्ष संजीव कुमार, भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के डीपीआईआईटी के सचिव अनुराग जैन और मध्य प्रदेश सरकार के औद्योगिक नीति व निवेश संवर्धन विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार शुक्ला भी उपस्थित थे।
पूरे दिन चलने वाले इस कार्यक्रम में एक तकनीकी सत्र भी आयोजित किया गया। इसमें राज्य के प्रतिनिधियों और हितधारकों ने गति शक्ति से संबंधित पहलों पर अपनी कार्य योजना और प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की।
प्रधानमंत्री गति शक्ति सभी राज्य सरकारों सहित राष्ट्रव्यापी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की योजना व इसके समन्वित कार्यान्वय के लिए सभी प्रमुख अवसंरचना से संबंधित मंत्रालयों- रेल, सड़क परिवहन, जलमार्ग और नागरिक उड्डयन की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के समन्वय के उद्देश्य से शुरू की गई एक पहल है। यह क्षेत्रीय सम्मेलन मध्य क्षेत्र के राज्यों को राष्ट्र के सर्वांगीण विकास व वृद्धि के लिए एकीकृत योजना और बुनियादी ढांचा कनेक्टिविटी परियोजनाओं के समन्वित कार्यान्वयन में सहायता करेगा।
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