किसी शख्स की रिपोर्ट एक बार कोरोना पॉजिटिव आ जाए तो उसकी हवाइयां उड़ जाती हैं, लेकिन तुर्की में एक शख्स ऐसा भी है, जिसकी कोरोना रिपोर्ट पिछले 14 महीने से लगातार पॉजिटिव आ रही है. उसे पहली बार साल 2020 के नवंबर महीने में कोरोना हुआ था, तब से वो लगातार आइसोलेशन में है.
इस शख्स का नाम मुज़फ्फ़र कायासन है और वो पिछले एक साल से अस्पताल में है.
रोज़ाना उसे इस बात का इंतज़ार रहता है कि वो अपने घर वापसी कर पाएगा लेकिन ऐसा नहीं होता है. साल 2020 के नवंबर महीने में पहली बार Covid-19 की रिपोर्ट पाॉजिटिव आई थी, जिसके बाद वो अस्पताल में भर्ती हुआ था. कुछ दिनों बाद उसके लक्षण तो काफी कुछ ठीक हो गए, लेकिन उसकी रिपोर्ट निगेटिव नहीं आई.
78 बार टेस्ट हुआ, पॉजिटिव ही रही रिपोर्ट
मुज़फ्फ़र कायासन का कोरोना टेस्ट तब से 78 बार कराया जा चुका है, लेकिन हर बार उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव ही आ जाती है. रिपोर्ट पॉजिटिव आने की वजह से कायासन आइसोलेशन में रखे जाते हैं, चाहे वो अस्पताल में हो या फिर घर पर.
लागातर आइसोलेशन के चलते कायासन की सामाजिक ज़िंदगी खत्म सी हो गई है. न तो वे अपने परिवार के साथ वक्त बिता सकते हैं न ही अपने दोस्तों से मिल-जुल सकते हैं. खिड़की के ज़रिये वे अपने परिवार से थोड़ी-बहुत बातचीत ज़रूर कर लेते हैं. उन्हें क्वारंटाइन रहते हुए सबसे बड़ा दुख अपनों को नहीं छू पाने का है. निगेटिव नहीं होने की वजह से उन्हें कोरोना का टीका भी नहीं लग पाया.
दुनिया में अपनी तरह का पहला केस
दरअसल 56 साल के कायासन ल्यूकेमिया यानि एक तरह का ब्लड कैंसर है, जिसमें रोगों से लड़के वाले व्हाइट ब्लड सेल्स कम हो जाते हैं और मरीज़ की इम्यूनिटी बेहद कम हो जाती है. डॉक्टरों का कहना है कि इसी वजह से कायासन के खून से कोरोना वायरस खत्म नहीं हो पा रहा है. उन्हें रोगरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए दवाएं दी जा रही हैं लेकिन ये पूरी प्रक्रिया काफी धीमी और लंबी है. कायासन का केस अपनी तरह का पहला केस है, जिसमें मरीज़ इतने लंबे वक्त तक कोरोना पॉजिटिव रहा हो.
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