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VIDEO: भीषण गर्मी से वनांचल के कई गांव में पानी के लिए मारामारी, शौचालय की उपयोगिता पर बोले ग्रामवासी- पीने के लिए नहीं है तो…

चंद्रकांत पारगीर, बैकुंठपुर। भीषण गर्मी में पेयजल को लेकर कोरिया जिले के दूरस्थ वनांचल कई क्षेत्रों में लोगों को नाले व ढोढी का गंदा पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है। वहीं जिला मुख्यालय से लगे ग्राम पंचायतों में भी हालात एक जैसे देखने को मिल रहे हैं। लाखों रूपये खर्च कर नल जल योजना के तहत बड़ी पानी टंकी का निर्माण कराया गया है तथा मोहल्लों में पाईप लाईन का विस्तार कर लेागों के घरों तक पानी देने का दावा किया जाता है। लेकिन इन ग्राम पंचायतों के कई मोहल्लों में पेयजल संकट का सामना लोगों को करना पड़ रहा है। अपने साधनों या फिर दूर दराज से लेागों को पेयजल लाने की मजबूरी बनी हुई है। पंचायतों के द्वारा किसी तरह की व्यवस्था पेयजल वितरण के लिए नहीं की गयी है। जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय बैकुंठपुर से लगे ग्राम पंचायत कंचनपुर से लेकर कुडेली तक के ग्रामीणों को पेयजल के लिए जुटना पड़ रहा है। सुबह होने के साथ ही पेयजल के लिए महिला व पुरूष जुझना शुरू कर देते हैं। दिन के दोनों समय लोगों के लिए पेयजल प्राप्त करना कठिन काम हो रहा है। ग्रामीणों के साथ पशुओं को भी पेयजल के लिए परेशान होना पड रहा है लोग अपने मवेशियों के लिए भी पानी की व्यवस्था कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार कंचनपुर के यादवपारा में लोगों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। छोटे तालाब पूरी तरह से सूख गये हैं। कुछ जगहों पर बड़े तालाब हैं, वही बचे हुए हैं।
मंत्री के गोद ग्राम में नल जल योजना एक पखवाडे से बंद
प्रदेश के श्रम मंत्री के गोद ग्राम बुढार जिसे आदर्श ग्राम का भी दर्जा हासिल है। यहां बीते 15 दिन से ज्यादा समय से लाखों का नल जल योजना ठप्प हो गयी है। जिसके सुधार कार्य की दिशा में अब तक कोई पहल नही की गयी है। जिसके चलते सबसे बडे पंचायत बुढार के कई मोहल्लों में पेयजल की भारी दिक्कत हो गयी है। ग्राम बुढार में एक दर्जन से ज्यादा पारा माहल्ले है जहॉ की जनसंख्या काफी है। हर मोहल्ले के लोगों केा पेयजल की समस्या से जुझना पड रहा है। जानकारी के अनुसार बुढार के देवारपारा, अहिरापार, सहित कई पारा में लोगों की इस समय सबसे बडी समस्या में से एक पेयजल की समस्या है लोगों को दूर दूर से पेयजल लाना पड रहा है। यहां के लोग पानी के लिए तरस रहे हंै, पानी के लिए जद्दोजहद करते देखे जा सकते हैं। गांव के लोगों का कहना है कि ऐसे गोद लेने से क्या मतलब जब यहां के लोगों को परेशानी उठानी ही पड रही है और गांव व हमारे गॉव में अंतर ही क्या रह गया है। सिर्फ  नाम के लिए गोद लिया गया है सुविधा किसी तरह की नही है।


कुडेली में एक दो किमी से ला रहे ग्रामीण पेयजल
जिला मुख्यालय बैकुंठपुर से कुडेली मात्र 12 किमी दूर है जो मुख्य मार्ग के किनारे बसा हुआ गांव है। यहां की जनसंख्या काफी है। यह गांव समृद्ध गॉव में गिनती आती है। लेकिन यहां के लोगों को इन दिनों पेयजल संकट जबरजस्त सामना करना पड रहा है। जानकारी के अनुसार कुडेली के यादवपारा में 2 हैंडपंप लगे हुए है जिनमें से एक चालू हालत में है लेकिन उसमें भी गंदा पानी निकलने की शिकायत है। ऐसी स्थिति में यहॉ के लोगों को एक दो किमी दूरी तय कर प्रतिदिन पेयजल प्राप्त करना पड रहा है। इसी तरह के हालात कुडेली के कई मोहल्लों की बनी हुई है। इसके अलावा जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर से लगे ग्राम पंचायत कंचनपुर के लोग भी प्यासे है।


शौचालय का नहीं हो रहा उपयोग
स्वच्छ भारत अभियान व मनरेगा के तहत गांव गांव में शौचालय बनवाये गये है जिसके लिए लाखों रूपये खर्च किये गये। जिला मुख्यालय के निकट कंचनपुर, विधायक आदर्श ग्राम बुढार व कुडेली में पेयजल संकट के बीच जब लोगों से पूछा गया कि वे शौचालय का उपयोग कर रहे हैं तो ज्यादातर लोगों ने बताया कि शौचालय का उपयोग उनके परिवारों के द्वारा नही किया जा रहा है। लोगों का कहना है कि जब पीने के लिए पानी ही नहीं मिल रहा है तो फिर शौचालय के लिए पानी कहां से लायें। किसी तरह परिवार के पेयजल के लिए पानी की व्यवस्था कर रहे हैं। इस तरह उक्त गांवों में व्याप्त पेयजल संकट का असर शौचालय के उपयोगिता पर भी पड रहा है।  खुले में शौचमुक्त जिले का पुरस्कार प्राप्त कर चुके जिले में इस तरह की स्थिति कई ग्राम पंचायत में बनी हुई है।

 

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