रायपुर. छत्तीसगढ़ के बस्तर में सक्रिय माओवादी इन दिनों लगातार प्रेस नोट जारी कर सरकार व पुलिस प्रशासन को चुनौती दे रहे हैं. नक्सलियों ने अब तक बीजापुर जन अदालत, नारायणपुर मुठभेड़, तेलंगाना में नक्सली हिड़मा के समर्पण, पत्रकारों पर वसूली, सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने सहित कई मुद्दों पर प्रेस नोट जारी किया है.
बस्तर में नक्सलियों की माड़ डिवीजन कमेटी ने शुक्रवार को प्रेस नोट जारी कर सरकार के चमचों को सजा देने की खुली चेतावनी दी है. इधर पश्चिम बस्तर डिवीजन कमेटी ने बीजापुर के पत्रकारों को सुधरने की बात कही है.
माओवादियों की माड़ डिवीजन कमेटी द्वारा जारी प्रेस नोट में बस्तर के मंगनार से तुलार तक बनने वाली सड़क को लेकर नक्सलियों में आक्रोश जताया है. नक्सलियों ने कहा है कांग्रेस सरकार के दलाल तुलार पहाड़ को बेच रहे हैं. जो कतई बर्दाश्त नहीं होगा, तुलार पहाड़ बेचने वालों को जन अदालत लगाकर कड़ी सजा दी जाएगी. तुलार पहाड़ को लोग तुलार धाम के नाम से भी जानते हैं.
नक्सलियों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि विकास के नाम पर सरकार सड़क बना रही है, जिससे लाखों पेड़-पौधों की बलि चढ़ा दी जाएगी. नक्सलियों ने यह भी कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद इनके चमचे जल, जंगल, जमीन को खत्म करने में लगे हैं, जिन्हें सजा दी जाएगी.
नक्सलियों ने तुलार पहाड़ बेचने व सड़क बनाकर पेड़ पौधों को नुकसान पहुंचाने वाले ठेकेदार व मंगनार के पूर्व सरपंच मानकू राम, बारसूर के गद्दार जगत पुजारी व कांग्रेस सरकार के चमचे नेताओं को सबक सिखाने की बात लिखी है. नक्सलियों का आरोप है कि यह सभी अपने निजी स्वार्थ के लिए तुलार पहाड़ को पूंजीपतियों के हाथों सौंपना चाहते हैं.
नक्सलियों ने यह भी कहा है कि जल, जंगल, जमीन आदिवासियों की है. सड़क बनने के बाद पुलिस यहां प्रवेश करेगी और मासूम आदिवासियों को नक्सली बताकर एनकाउंटर कर देगी. नक्सलियों ने पुलिस पर आरोप लगाया कि वे गांव में घुसकर महिलाओं से बलात्कार करते हैं. प्रेस नोट के जरिए नक्सलियों ने सरकार के चमचों को जन अदालत लगाकर कड़ी सजा देने की चेतावनी दी है.
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