नईदिल्ली: कच्चे तेल के बाजार में इस सप्ताह जबरदस्त उबाल आया। कच्चे तेल की कीमतें सात साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। ब्रेंट क्रूड के दाम में शुक्रवार को ही 2.16 डॉलर या 2.4त्न का उछाल आया है। अब इसका दाम बढ़ कर 93.27 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है। हालांकि, घरेलू बाजार में देखें तो यहां पेट्रोल-डीजल की कीमत में आज लगातार 93वें दिन भी कोई बदलाव नहीं हुआ है। दिल्ली में इंडियन ऑयल के पंप पर शनिवार को पेट्रोल की कीमत 95.41 रुपये और डीजल की कीमत 86.67 रुपये पर स्थिर रही।
बीते वर्ष सितंबर महीने की 28 तारीख को पेट्रोल जहां 20 पैसे महंगा हुआ था वहीं डीजल भी 25 पैसे प्रति लीटर महंगा हुआ था। दरअसल, सितंबर के अंतिम दिनों से जो पेट्रोल की कीमतें बढऩी शुरू हुईं, वह बीते साल दिवाली तक जारी रही। हालांकि उसी समय केंद्र सरकार की तरफ से उत्पाद शुल्क कटौती और फिर राज्यों की तरफ से वैट कटौती के बाद से नहीं बदली हैं। पेट्रोल की कीमतों में देखें तो इस कटौती से पहले पेट्रोल करीब 8.15 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका था। हालांकि बीते साल सात नवंबर से इसका दाम स्थिर हैं।
पिछले साल के दूसरे पखवाड़े में पेट्रोल के मुकाबले डीजल का बाजार ज्यादा तेज हुआ था। कारोबारी लिहाज से देखें तो पेट्रोल के मुकाबले डीजल बनाना महंगा पड़ता है। लेकिन भारत के खुले बाजार में पेट्रोल महंगा बिकता है और डीजल सस्ता बिकता है। बीते 24 सितंबर से यहां जो डीजल में आग लगनी शुरू हुई वह उत्पाद शुल्क में कटौती के बाद रुकी। 24 सितंबर से मोदी सरकार के उत्पाद शुल्क में कटौती के फैसले तक डीजल करीब 9.45 रुपये महंगा हो गया था।
कच्चे तेल के बाजार में लगातार 7वें सप्ताह तेजी दर्ज की गई है। बीते शुक्रवार को कच्चे तेल की कीमतें सात साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। ब्रेंट क्रूड के दाम में सिर्फ शुक्रवार को ही 2.16 डॉलर या 2.4 प्रतिशत का उछाल आया है।
अब इसका दाम बढ़ कर 93.27 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है। इससे पहले यह अक्टूबर 2014 में 93.70 डॉलर के उच्चतम स्तर पर पहुंचा था। यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड 2.04 डॉलर, या 2.3त्न बढ़ कर 92.31 डॉलर प्रति बैरल के उच्च स्तर पर पहुंच गया। यह भी सितंबर 2014 के बाद का उच्चतम स्तर है। इस तेजी का कारण अमेरिका के सर्द मौसम की वजह से सप्लाई में कमी और कुछ अन्य तेल उत्पादक देशों के बीच चल रही तनातनी बताया जा रहा है।
Add Comment