रायपुर। तहसीलदार बी एक्का के खिलाफ दर्ज कि गए मामले (एफआईआर) की वजह से राज्यभर के तहसीलदार नाराज है। उन्होंने काम बंद करने की चेतावनी देते एक ज्ञापन सौंपा और कहा है कि अगर इसे मामले में को सार्थक कदम नहीं उठाया गया तो संघ काम बंद कर देगा। मुख्यमंत्री रमन सिंह, राजस्व मंत्री, गृहमंत्री, मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन, अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह विभाग सचिव, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग को ज्ञापन सौंपा गया है। छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ का कहना है कि मामले में कार्रवाई नहीं होने पर 26 मार्च के बाद राजस्व न्यायालय में काम नहीं होगा। इसका निर्णय संघ ने लिया है। छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ कहना है कि बी एक्का तत्कालीन नायब तहसीलदार, खरसिया द्वारा उनके न्यायालय में खाता विभाजन का आदेश पारित किया गया था। इस आदेश की अपील फिलहाल अपर आयुक्त बिलासपुर के कोर्ट में विचाराधीन है। ज्ञापन के मुताबिक बी एक्का तहसीलदार द्वारा पारित आदेश 3 मई 2014 को विधिवत सुनवाई के बाद भू-राजस्व संहिता की धारा 178 के तहत पारित एक पूर्णत: न्यायालयीन आदेश है, जिसे संदर्भित अधिनियम (2) न्यायाधीश संरक्षण अधिनियम के तहत सुरक्षा प्राप्त है. आवेदन में लिखा है कि बी एक्का उस खाता विभाग आदेश पारित करते समय जजेस एक्ट 1985 की धारा 2 के मुताबिक जज थीं। इसमें कहा गया है कि वे एक लोक सेवक है, उनका काम उनके पदीय कार्य से संबंधित है, इसलिए अपराध दर्ज करने से पहले धारा 197 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत उसकी विभागीय मंजूरी जरूरी थी।
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