कार्य प्रारंभ हो चुके रेल कॉरिडोर का शिलान्यास हास्यास्पद… मेडिकल, माईनिंग कॉलेज व कैंसर हॉस्पिटल व इंटरसिटी का रखें ध्यान: डॉ महंत

रायपुर। यूपीए की उपलब्धियों को अपना बताकर वाहवाही लूट रहे मोदी सरकार और उसके मंत्री चुनाव नजदीक देखकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल की स्वीकृत योजनाओं को 4-5 साल तक लटकाये रखा और अब चुनाव नजदीक देखकर इन योजनाओं का उद्घाटन का समय सुनिश्चित होना था तब आधारशिला रखने पहुचे।
पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री व छग इलेक्शन कैम्पेन कमेटी के चेयरमेन व कोरबा लोकसभा के पूर्व सांसद डॉ. चरणदास महंत ने केन्द्रीय रेल व ऊर्जामंत्री पीयूष गोयल के द्वारा 24 सितंबर को कोरबा संसदीय क्षेत्र के हरदीबाजार में रेल कॉरीडोर सहित 11 हजार करोड़ की पांच परियोजनाओं की आधारशिला रखे जाने के कार्यक्रम पर जारी अपने बयान में कहा है कि जिस तरह से रेल कॉरीडोर को प्राथमिकता में रखा गया है, उसी तर्ज पर यूपीए शासनकाल में स्वीकृत एनटीपीसी व एसईसीएल के सहयोग से मेडिकल कॉलेज, कैंसर हॉस्पिटल, सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल, माइनिंग कॉलेज की स्थापना को भी प्राथमिकता दी जाए। इन कार्यों को भी तत्परता से प्रारंभ कराएं।
डॉ. महंत ने भू-विस्थापितों के मुद्दे पर कहा कि जब यूपीए की सरकार थी तब राज्य की भाजपा सरकार बार-बार शासन में नहीं होने का रोना रोती थी, लेकिन अब जबकि केन्द्र व राज्य दोनों में भाजपा की सरकार है तब भू-विस्थापितों के मुद्दे को अविलंब निराकृत किया जाना चाहिए।
डॉ. महंत ने कहा कि सर्वाधिक कोयला उत्पादन वाले कोरबा जिले में माईनिंग कॉलेज की स्थापना को भी अमलीजामा पहनाया जाना उचित होगा। कोयला ढुलाई के लिए तत्पर मोदी सरकार यात्री सुविधाओं पर भी अपना ध्यान केन्द्रित करे और सबसे पहले कोरबा से रायपुर के मध्य संचालित हो रही इंटरसिटी एक्सप्रेस जिसे केन्द्र में भाजपा की सरकार बनते ही चुनावी ट्रेन कहकर बंद करा दिया गया, उसे तत्काल प्रारंभ कराएं।
कोयले का विशाल भंडार को उत्खनन के लिए बड़ी परियोजनाओं पर केंन्द्र व राज्य की भाजपा सरकार तो काम कर रही है लेकिन यह अपने चुनावी लाभ के लिए है। परियोजनाओं से विस्थापित होने वालों के लिए सबसे पहले सरकार को सोचना चाहिए। रेल कॉरिडोर से प्रभावित किसानों की भूमि अधिग्रहण, मुआवजा की राशि पर प्राथमिकता से ध्यान देना चाहिए।
योजना का प्रस्ताव बनता है तो सरकार उपलब्धि बताती है, एमओयू होता है तो उपलब्धि बताती है। पांच साल में कई उपलब्धियां सरकार बता चुकी है लेकिन जिस रेल कॉरिडोर का कार्य पेण्ड्रा रोड से शुरू हो चुका है, उसका शिलान्यास करना हास्यास्पद है।
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