नई दिल्ली: पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं का दल बदल का दौर जारी है। कांग्रेस के पूर्व नेता अरविंद खन्ना पंचरत्न जत्थेदार गुरु चरण सिंह तोहरा मेमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष कंवर सिंह टोडा, शिरोमणि अकाली दल के नेता गुरदीप सिंह गोशा और अमृतसर के पूर्व पार्षद धर्मवीर सरीन भाजपा में शामिल हुए। इन सभी नेताओं को केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पूरी, केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और भाजपा के पंजाब प्रदेश के प्रभारी दुष्यंत कुमार ने शामिल कराया।
उन्होंने सदस्यता पत्र दिया और भाजपा की पट्टिका पहनाई। पंजाब में प्रधानमंत्री के सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार के द्वारा जो लापरवाही बढ़ती गई उसको लेकर इन सभी नेताओं ने क्षोभ व्यक्त किया । पंजाब में किसानों के विरोध का सामना कर रही बीजेपी ने एक नई रणनीति के तहत अकाली दल और कांग्रेस के नेताओं को अपने पार्टी में शामिल करना शुरू कर दिया है।
सूत्रों की मानें तो कृति कानून की वापसी के बाद बीजेपी का इरादा पंजाब में अपने दम और वापसी करने का है। यही वजह है कि अब अपनी इस रणनीति तहत अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं को पार्टी में शामिल करवा रही है बीजेपी। इसका ताजा उदाहरण अब देखने को मिल रहा है कि कांग्रेस के नेता और अकाली दल के नेताओं ने बीजेपी का दामन थामना शुरू कर दिया है।
एक सूत्र ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानून को वापस लिए जाने से पहले उसे पंजाब में बहुत विरोध झेलना पड़ा। स्थिति इतनी बिगड़ चुकी थी कि किसान आंदोलन के समर्थक लोग अपने यहां पर बीजेपी के नेताओं को प्रचार नहीं करने दे रहे थे।
अब वही उलट कांग्रेस और अकाली के नेता बीजेपी में शामिल हो रहे हैं।इससे पहले, अकाली दल के नेता गुरतेज सिंह गुंधियाना, यूनाइटेड क्रिश्चियन फ्रंट पंजाब के अध्यक्ष कमल बख्शी, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एडवोकेट मधुमीत, वाला से सिविक बॉडी मेंबर निहाल सिंह, संगूर से पूर्व सांसद जगदीप सिंह धालीवाल और पूर्व क्रिकेटर दिनेश मोंगिया भी पार्टी में शामिल हुए। इन सभी लोगों के बीजेपी में शामिल होने से ये उम्मीद बंधी है कि कृषि कानूनों की वजह से पंजाब में जो पार्टी को नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई हो सकेगी। इसके अलावा, राज्य का राजनीतिक माहौल उसके पक्ष में आ सकेगा।
Add Comment