बीजापुर: बीते साल दिल दहला देने वाली टेकुलगुड़म पुलिस-नक्सल मुठभेड़ में शामिल तीन लाख के इनामी माओवादी पाण्डु राम सवलम ने बीजापुर पुलिस के सामने समर्पण किया है। 3 अप्रैल 2021 को बीजापुर-सुकमा की सरहद पर हुई इस मुठभेड़ में जहां 22 जवानों की शहादत हुई वही घटना के 9 महीने बाद माओवादियों के हमलावर दस्ते में शामिल डिप्टी कमांडर के सरेंडर से पुलिस को इस बड़ी नक्सली घटना के बारे में कई अहम जानकारियां मिलने की उम्मीद भी है।
सोमवार को बीजापुर एसपी कमलोचन कश्यप के समक्ष माओवादियों के तेलंगाना स्टेट कमेटी के वाजेडू एलओएस डिप्टी कमांडर पाण्डू राम सवलम ने समर्पण किया। एसपी कमलोचन कश्यप ने बताया कि पाण्डु पर तीन लाख का इनाम घोषित था। माओवादी संगठन की प्रताडऩा से पाण्डु त्रस्त था। मूलत: सुकमा जिले के जगरगुण्डा का रहने वाला पाण्डु साल 2009 में माओवाद संगठन से जुड़ा।
कई घटनाओं में वह शामिल भी रहा। जिसमें साल 2010, 2011, 2012 में जगरगुंडा और नरसापुरम में पुलिस पार्टी पर घात लगाकर हमला, आईईडी विस्फोट के अलावा 2014 मे पूवर्ती के जंगल में हुई मुठभेड़ में शामिल था, इसके अलावा बीते साल तर्रेम इलाके में टेकुलगुड़म मुठभेड़ में भी नक्सलियों के हमलावर दस्ते में वह शामिल था।
समर्पित माओवादी पाण्डु 2009 में सिलगेर सीएनएम कमांडर लालू कोरसा के नेतृत्व में नक्सलियों के चेतना नाटय मंडली में भर्ती हुआ था। 2011 में उसे सिलगेर पंचायत में मिलिषिया प्लाटून सदस्य की जिम्मेदारी दी गई, इस दौरान वह अपने साथ भरमार रखता था। साल 2013 में प्लाटून नंबर 10 में पीएलजीएम सदस्य बनाया गया। आगे 2015 में उसे तेलंगाना स्टेट भेज दिया गया। जहां डीव्हीसीएम दामोदर के दलम में पार्टी सदस्य के रूप में वह सक्रिय था। वर्ष 2016 में डीव्हीसीएम दामोदर ने उसे वाजेडू एलओएस डिप्टी कमांडर के पद की जिम्मेदारी सौंपी।
मुख्यधारा से जुडऩे पर एसपी कमलोचन कष्यप द्वारा उसे 10 हजार रूपए नकद प्रोत्साहन राशि प्रदान करने के साथ पुनर्वास नीति का लाभ दिलाने की बात कही गई। एसपी ने कहा कि सीमावर्ती इलाके में पुलिस के बढ़ते दबाव के चलते नक्सली अब बैकफूट पर है। बढ़ते दबाव और संगठन में बिखराव के चलते नक्सली मुख्यधारा में लौट रहे हैं।
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